सीहोर। नर्मदा नदी धीरे-धीरे उफान पर आने वाली है। नदी में 30 जून से संभवत रेत खनन पर रोक लग जाएगी। इसके पहले सीहोर में माफिया नर्मदा को खोखला करने में जुट गए हैं। रात दिन अवैध खनन चल रहा है। इन अवैध खदानों में सैकड़ों कश्तियां नदी में से रेत खनन कर ट्रैक्टर ट्रालियों में भर रही हैं, जो गांवों के प्रमुख मार्गों पर ढेर लगा रहे हैं। यहां से इनको राजनीतिक रसूख के चलते बिना रॉयल्टी के 100 से अधिक डंपर परिवहन कर रहे हैं। इसके बाद भी रेत माफिया पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहाेर में नर्मदा तट की छीपानेर, रानीपुरा और चौरसा खेड़ी की अवैध खदानों से जमकर रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा है। छीपानेर घाट पर 100 से ज्यादा ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और 200 कश्तियां रेत खनन व परिवहन में लगी हुई हैं। ट्रालियों से रेत लाकर गांव के प्रमुख मार्गों पर डंप कर रेत के पहाड़ खड़े किए जा रहे हैं, जहां से दिन भर में 100 डंपर से अधिक रेत बिना रॉयल्टी के परिवहन की जा रही है। ऐसा नहीं है कि राजस्व पुलिस खनिज अमले को इसकी जानकारी नहीं है। ग्रामीण कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे लाखों रुपए के राजस्व की हर रोज शासन को चपत लग रही है।
खदानों पर अवैध तरीके से किए जा रहे खनन में दर्जनों पोकलेन और बुलडोजर मशीनों का उपयोग कर रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा है।
शासन के अनुसार मजदूरों को काम मिल सके। इसलिए मशीनों पर प्रतिबंध लगा रखा है, लेकिन इन खदानों पर अवैध तरीके से किए जा रहे खनन में दर्जनों पोकलेन और बुलडोजर मशीनों का उपयोग कर रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा है।
छीपानेर गांव के मानसिंह, धीरज सिंह, सुनील और कछरूलाल बताते हैं कि राजनीतिक रसूख के दम पर रेत माफिया अवैध खनन कर रहे हैं। गांव के प्रमुख मार्गों समेत जगह-जगह रेत के ढेर लगा रहे हैं, जहां से सैकड़ों डंपर रेत हर रोज परिवहन की जा रही है। वहीं लगातार रेत परिवहन कर रहे वाहनों से ग्रामीणों को हादसे का खतरा बना हुआ है। इतना ही नहीं तीन माह से अवैध खनन की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई है।
जिला खनिज अधिकारी राजेंद्र परमार ने बताया कि यदि छीपानेर, रानीपुरा और चौरसा खेड़ी में कश्तियों व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से रेत का खनन और परिवहन किया जा रहा है तो छापामार कार्रवाई की जाएगी। अवैध रेत खनन और परिवहन करने वालों पर मामला दर्ज करने के साथ ही वाहन जब्त किए जाएंगे।