भोपाल। पूरे मध्यप्रदेश में सारे काम बंद है। सरकार ने जबरदस्त तालाबंदी करवा रखी है। सीमाएं सील है। मेडिकल इमरजेंसी के अलावा किसी को बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। लोगों का पास पड़ोस में जाना मुश्किल है परंतु शिवराज सिंह सरकार के भावी कैबिनेट मंत्री श्री नरोत्तम मिश्रा के भाई दमोह से ग्वालियर जाएंगे क्योंकि उन्हें एक बार फिर जीवाजी यूनिवर्सिटी में प्रतिनियुक्ति पर कुल सचिव बना दिया गया है।
चुनाव आयोग ने हटाया था
डॉ नरोत्तम मिश्रा के भाई का नाम तो आप जानते ही होंगे डॉ आनंद कुमार मिश्र। मूल रूप से इतिहास के प्रोफेसर हैं। क्योंकि नरोत्तम मिश्रा शिवराज सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री थे इसलिए प्रतिनियुक्ति पर जीवाजी यूनिवर्सिटी में कुलसचिव बन गए थे। 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान आरोप लगा कि रात के अंधेरे में ग्वालियर से दतिया जाकर नरोत्तम मिश्रा का चुनाव प्रचार करते हैं। आरोप प्रमाणित पाया गया तो चुनाव आयोग ने इनका ट्रांसफर ग्वालियर से दमोह सरकारी कॉलेज में कर दिया था।
लॉक डाउन खत्म होने का इंतजार तक नहीं किया
शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री पद पर शपथ लेते ही वह सभी लोग वापस अपनी अपनी जगह पर पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं जो मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की वजह से प्रभावित हो गए थे। राजनीति में अब इतने आदर्श नहीं बचे। डॉ आनंद कुमार मिश्र को भी वापस ग्वालियर यूनिवर्सिटी आना ही था लेकिन मजेदार बात यह है कि थोड़ा सा भी सब्र नहीं किया गया। ना तो नरोत्तम मिश्रा का शपथ ग्रहण हो पाया है और ना ही लॉक डाउन खुला है। सवाल यह है कि उच्च शिक्षा विभाग कैसे जस्टिफाई करेगा कि यह पोस्टिंग अति आवश्यक थी और इसके लिए उन तमाम नियमों को तोड़ना अनिवार्य हो गया था जिनके कारण मध्य प्रदेश के 8 करोड लोगों की स्वतंत्रता बाधित हो गई है।