रतलाम। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के निर्देश पर योजना, आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि कोरोना महामारी से निपटने, बचाव एवं रोकथाम के लिए विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र विकास योजना की राशि का उपयोग किया जा सकेगा। विधायकों की अनुशंसा पर कलेक्टर इस योजना की राशि का उपयोग कोरोना से बचाव संबंधी विभिन्न कार्यों में खर्च कर सकेंगे।
योजना, आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों से कहा है कि इस राशि का उपयोग इन्फ्रा रैड थर्मामीटर, पीपीई किट्स, कोरोना टेस्टिंग किट्स, वेंटीलेटर, आइसोलेशन/ क्वॉरेन्टाईन वार्ड बनाए जाने, मास्क, ग्लब्स, सेनेटाईजर्स अथवा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनुशंसित अन्य स्वास्थ्य उपकरण खरीदने में करें।
सामग्री निर्धारण के मापदण्ड लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अनुसार होंगे। क्रय की कार्रवाई विभाग द्वारा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार पूरी पारदर्शिता के साथ होगी। सामग्री के अभिलेख संधारण का कार्य मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किया जाएगा। अंकेक्षण की कार्रवाई राज्य शासन के नियमों के अंतर्गत कराया जाना आवश्यक होगा।
लॉक डाउन ई-पास के द्वारा मृत्यु एवं मेडिकल इमरजेंसी केस में ही कर सकेंगे यात्रा
रतलाम । शासन द्वारा लॉकडाउन के वक्त मृत्यु एवं अन्य मेडिकल इमरजेंसी केसेज में ई-पास की सुविधा शुरू की गई है। यह सुविधा संपूर्ण राज्य में केंद्रीकृत रूप से कार्य करेगी। जिला कलेक्टर बेहद अपरिहार्य मेडिकल इमरजेंसी के आधार पर ही स्थानीय स्तर पर पास जारी कर सकेंगे। राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार परिवार में मृत्यु अथवा मैडीकल इमरजेंसी जैसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, कैंसर निदान, कैंसर कीमोथेरेपी, विकिरण, वितरण आदि की स्थिति में ई-पास के द्वारा यात्रा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि लॉक डाउन के समय राज्य के बाहर के किसी व्यक्ति को मध्यप्रदेश में या मध्यप्रदेश के किसी भी जिले में यात्रा करने की आवश्यकता है अथवा एक जिले से दूसरे जिले में यात्रा करने की आवश्यकता है तो वह 0755 2411180 नंबर पर काल कर कोविड-19 लॉकडाउन ई-पास के लिए अनुरोध कर सकते हैं।
1 लाख से अधिक की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराई
रतलाम। कार्यपालन यंत्री श्री पी.के. गोगाद ने बताया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जहां जलप्रदाय हेतु सतत योजनाएं एवं हेंडपंप संधारण का कार्य विभाग के अधिकारी अभियंताओं एवं हेंडपंप तकनीशियनों की मदद से किया जा रहा है वहीं मुख्यमंत्री राहत कोष में बढ-चढ कर हिस्सा लेते हुए विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों के द्वारा एक दिन व उससे अधिक राशि 1 लाख 44 हजार 75 रूपये वेतन से जमा कराई गई है।