मध्यप्रदेश में बीते 10 दिन से रुक-रुककर हो रही बारिश के साथ खुशियों का मानसून आज 7 दिन पहले ही राज्य में प्रवेश कर गया है। दक्षिण पश्चिमी मानसून प्रदेश के बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट और मंडला तक पहुंच गया है। मौसम विभाग ने गुरुवार दोपहर इसकी अधिकारिक घोषणा कर दी है। मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने बताया कि दोनों तरफ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बीते 10 दिन से मानसून के लगातार सक्रिय होने के कारण यह एक सप्ताह पहले आ गया है। हालांकि इसके पूरी तरह से यह 20 जून तक सक्रिय होने की उम्मीद है। 13-14 जून तक मानसून के इंदौर-भोपाल पहुंचने की संभावना है।
अगले 24 घंटे में क्या... छह जिलों के लिए यलो अलर्ट, भोपाल में भी होगी बारिश
जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में तथा रीवा, सतना, बैतूल, हरदा, खंडवा और बुरहानपुर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश के साथ बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही भोपाल, उज्जैन, सागर, ग्वालियर एवं चंबल संभागों के जिलों में तथा खरगौन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, होशंगाबाद, सीधी और सिंगरौली जिलों में कहीं-कहीं गरज चमक के साथ तेज हवाएं चल सकती हैं।
सागर में गुरुवार को कई जगहों पर जमकर बारिश हुई। बारिश के बाद लोगों को उमस से राहत मिली है।
मौसम विभाग कब करता है मानसून आने की घोषणा..
मौसम विभाग सभी तरह की बारिश की गतिविधियों के आंकलन के बाद ही मानसून सेट होने की घोषण करता है। इसमें बादलों की स्थिति, हवा और अन्य दूसरे स्टेशनों पर होने वाली बारिश के साथ ही ट्रफ लाइन का बनना आवश्यक होता है। अभी एक ट्रफ लाइन उतरी सीमा सूरत, नादूरबार, बैतूल, मंडला, बिलासपुर, बलांगिर, पुरी से गुजर रही है। इसी के कारण यह बैतूल को टच कर गया है। अब इसके 20 जून तक पूरे प्रदेश में सक्रिय होने की संभावना है।
बैतूल के आमला-मुलताई क्षेत्र में भी जमकर बारिश हुई।
जुलाई-अगस्त में ज्यादा, सितंबर में कम होगी बारिश
इसे प्री ऑनसेट की बारिश माना गया है। अब तक 10 दिन में ही दोगुना पानी गिर चुका है। मौसम विभाग के अनुसार अब तक प्रदेश में सामान्यतः 15.7 मिमी (करीब आधा इंच) बारिश होती है, जबकि एक जून से 10 जून की सुबह तक यह 29.3 मिमी (एक इंच से ज्यादा) पानी गिर चुका है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार जून लगभग इसी तरह चलेगा। हालांकि मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश की माने तो जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश होगी, लेकिन सितंबर में अपेक्षाकृत कम बारिश रहेगी। प्रदेश में इस बार सामान्य या इससे अधिक बारिश के आसार हैं।
गुरुवार को बारिश के दौरान कई जगहों पर वाहन चालकों को दिन में लाइट जलाकर चलना पड़ा।
पूर्वी मध्यप्रदेश तरबतर
इस बार मानसून बंगाल की तरफ से 16 जून तक सबसे पहले जबलपुर संभाग के बालाघाट, सिवनी और डिंडोरी के रास्ते प्रवेश करेगा। यही कारण है कि अब तक सबसे ज्यादा पूर्वी मध्यप्रदेश ही तरबतर हुआ है। इस इलाके में अब तक 15.7 मिमी बारिश होनी थी, जबकि अब तक 39 मिमी बारिश रिकॉर्ड हो चुकी है। 148 मिमी अधिक है। सिर्फ सीधी, सिंगरौली और टीकमगढ़ में ही औसत से कम बारिश हुई, जबकि कई जिलों में तो औसत से 324% ज्यादा पानी गिर चुका है।
होशंगाबाद में दोपहर बाद आसमान में बादलों ने डेरा डाल दिया।
पश्चिम मध्यप्रदेश में कम गिरा पानी
पश्चिम मध्यप्रदेश की बात करें, तो अभी बारिश ज्यादा नहीं हुई है। भोपाल, अशोक नगर, बैतूल और मंदसौर में ही अच्छी बारिश हुई है। यहां पर 150% से लेकर 300% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर और हरदा समेत 15 जिलों में औसत से भी काफी कम पानी गिरा है। अब तक 15.8 मिमी बारिश होना था, जबकि 21.9 मिमी बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 38% ज्यादा है।
भोपाल में गुरुवार शाम बारिश से बचने के लिए कुछ लोग दुकानों में बचने के लिए खड़े हो गए।
सिवनी में मकान ढहने से दो मासूमों की मौत
सिवनी जिले के भरिया टोला में बारिश से एक मकान ढह गया जिसमें दबने से दो मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग बुरी तरह से घायल हो गए। घायलों को जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। छपारा के थाना प्रभारी ने बताया कि बीती रात हुई तेज बारिश के चलते भरिया टोला निवासी श्रीलाल यादव का कच्ची ईंटों से बना मकान ढह गया । इस दौरान दीवार में दबने से दो मासूम बच्चे मधु यादव 10 साल, और मंगेश उम्र 2 साल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि सीताराम यादव और ज्ञाना बाई इस हादसे में बुरी तरह से घायल हो गए।
दोपहर बाद छिंदवाड़ा में भी काले बादल छा गए। दिन में लोगों को घर की लाइट जलानी पड़ी।