भोपाल। प्रदेश में जारी जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल पर अब सरकार सख्त हो गई है. दरअसल चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने हड़ताल पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि जूनियर डॉक्टर्स ब्लैकमेल करना बंद करें. सरकार ने जूडा की सभी मांगें मान ली हैं. इसके बावजूद जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे हैं. विश्वास सारंग ने हाईकोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए कहा कि अगर आप देश के नागरिक हैं तो निर्देश मानने चाहिए.
जब मंत्री विश्वास सारंग से कहा गया कि जूनियर डॉक्टर्स सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं तो इस पर हैरानी जताते हुए विश्वास सारंग ने कहा कि छात्र इस्तीफा कैसे दे सकते हैं? सरकार उनका स्टाइपेंड 17 प्रतिशत बढ़ा रही है, 6 % की वृद्धि हर साल करने को तैयार है. शायद ऐसा नियम देश में कहीं नहीं है.
क्यों कर रहे हैं जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल
दरअसल जूनियर डॉक्टर्स की मांग है कि उनका मानदेय बढ़ाया जाए और कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें और उनके परिवार को मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाए. साथ ही डॉक्टर्स की मांग है कि कोविड ड्यूटी को एक साल की अनिवार्य ग्रामीण सेवा मानकर उन्हें बांड से मुक्त किया जाए. इन्हीं मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर्स बीते कई दिनों से हड़ताल कर रहे हैं. इससे प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं पर गहरा असर पड़ रहा है. विरोध स्वरूप जूनियर डॉक्टर्स कोविड ड्यूटी से भी हट गए हैं. जूडा अपनी मांगों को लेकर सरकार से लिखित में आश्वासन चाहती है.
हाईकोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल पर हाईकोर्ट ने भी इस मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी की. हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान लोगों को डॉक्टर्स की सबसे ज्यादा जरूरत है. ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल को उचित नहीं ठहराया जा सकता. हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि अगर जूनियर डॉक्टर्स 24 घंटे में काम पर वापस नहीं लौटते हैं तो सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे.