जबलपुर। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब कोरोना से संक्रमित हुए थे, तो उनका इलाज एंटीबॉडी कॉकटेल इंजेक्शन से किया गया था. बता दें कि अब उसी कॉकटेल इंजेक्शन का जबलपुर में ट्रायल किया जाएगा. शहर के कई सरकारी और कुछ निजी अस्पतालों में इस दवाई का ट्रायल किया जाएगा.
क्या है एंटीबॉडी कॉकटेल
बता दें कि एंटीबॉडी कॉकटेल में दो दवाओं का मिश्रण होता है. जो कि Casirivimab और Imdevimab हैं. दोनों दवाओं का 600-600 एमजी डोज कोरोना मरीज को दी जाती है. हल्के से मध्यम संक्रमित कोरोना मरीजों को यह दवा दी जाती है. ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होती है. हरियाणा के 84 वर्षीय मोहब्बत सिंह देश के पहले मरीज हैं, जिन्हें एंटीबॉडी कॉकटेल दवाई दी गई है. रॉश इंडिया और सिप्ला द्वारा इस दवाई का निर्माण किया जा रहा है.
जबलपुर में होगा ट्रायल
मध्य प्रदेश के तमाम मेडिकल कॉलेजों में ट्रायल के रूप में एंटीबॉडी कॉकटेल की खेप का आर्डर दे दिया गया है. जिनका ट्रायल जल्द ही शुरू हो जाएगा. जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए भी एंटीबॉडी कॉकटेल की 50 डोज ऑर्डर दिए गए हैं. जिन मरीजों को यह इंजेक्शन दिए जाएंगे ट्रायल के तौर पर उनके स्वास्थ संबंधी परीक्षण के आधार पर एक रिपोर्ट मेडिकल अस्पताल प्रबंधन शासन को भेजेगा.
कीमत काफी ज्यादा
अगर इसकी कीमतों की बात करें तो फिलहाल सरकारी खरीद पर एक खुराक की कीमत 59750 रुपये है. वहीं दवा के मल्टी डोज़ पैक की अधिकतम कीमत 110000 से अधिक बताई जा रही है. जबलपुर शहर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल के साथ-साथ दो निजी अस्पतालों ने भी इस एंटीबॉडी कॉकटेल इंजेक्शंस की खेप बुलवाई है. जिसे अनुमति के आधार पर मरीजों पर ट्रायल किया जाएगा.