9 माह तक गर्भावस्था में किया काम, स्वस्थ बच्ची को दिया जन्म, 21 दिनों तक कोरोना से लड़ीं, लेकिन...

Posted By: Himmat Jaithwar
5/26/2021

कवर्धाः कोरोना महामारी में काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को वॉरियर का दर्जा तो मिल गया. लेकिन छत्तीसगढ़ की नर्स की कर्मनिष्ठा को देखते हुए लगता है, इन वॉरियर्स का बलिदान भी शहादत से कम नहीं. यहां प्रभा नामक नर्स गर्भवती होते हुए भी कोविड वार्ड में ड्यूटी करती रहीं.

अप्रैल में बच्ची को जन्म देने के बाद खुद संक्रमित हो गईं और कई दिनों तक वायरस से जंग लड़ते हुए 21 मई को उनकी मौत हो गई. नर्स की मौत के बाद परिजनों ने सरकार से आर्थिक सहायता मांगते हुए कहा कि उनके परिवार से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

9 माह के गर्भ में अकेली रह रही थीं
कबीरधाम जिले के लिमो गांव निवासी प्रभा बंजारे की पोस्टिंग नर्स के रूप में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खैरवार खुर्द, लोरमी जिला मुंगेली में हुई. गर्भवती होते हुए भी वह कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रही थीं. इस दौरान परिवार को संक्रमण से बचाने के लिए कापादाह गांव में किराए का कमरा लेकर वह अकेले ही रहने लगीं. उनकी देखभाल करने वाला भी कोई नहीं था. वह हर दिन घर से हॉस्पिटल के लिए आना-जाना किया करतीं.

30 अप्रैल को दिया बच्ची को जन्म

प्रभा के पति भेसराज ने बताया कि गर्भावस्था के बावजूद 9 माह तक उनकी पत्नी काम करती रही. 30 अप्रैल को प्रसव पीड़ा के बाद कवर्धा के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां सिजेरियन ऑपरेशन की मदद से इलाज हुआ और उसने एक बच्ची को जन्म दिया. हॉस्पिटल में ही रहते हुए कई बार बुखार आया, डिस्चार्ज होने पर घर पहुंचे तो यहां भी बुखार व खांसी शुरू हो गई.

कोविड रिपोर्ट आई पॉजिटिव
एंटीजन टेस्ट कराया तो कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई, नर्स को फिर कवर्धा के अस्पताल में भर्ती कराया गया. ऑक्सीजन लेवल कम होने पर रायपुर रेफर किया गया, लेकिन इलाज के दौरान 21 मई को उनकी मौत हो गई. गर्भावस्था के बावजूद काम किया, लेकिन अंत में फेफड़ों में 80 प्रतिशत तक संक्रमण फैल गया, जिससे उनकी मौत हो गई.

शादी के बाद से लग गईं ड्यूटी में

दिवंगत प्रभा बंजारे का मायका रायपुर जिले के सांकरा गांव में है. करीब एक साल पहले जून 2020 में उनकी शादी लिमो गांव निवासी भेसराज से हुई. गर्भावस्था की जानकारी मिलने के बाद उनके पति ने छुट्टी लेकर घर पर रहने की सलाह दी. लेकिन नर्स नहीं मानीं और कोरोना मरीजों के इलाज में लगी रहीं. 9 महीने लगातार काम किया, स्वस्थ बच्ची को जन्म भी दिया, लेकिन उनकी जान नहीं बच सकी.

परिजनों ने की आर्थिक सहायता की मांग
नर्स की नवजात बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है और रायपुर जिले में अपनी नानी की देखभाल में रह रही है. काम के प्रति समर्पित नर्स प्रभा के परिजनों ने सरकार से परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की. उन्होंने साथ ही मांग की कि उनके परिवार में से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.



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