कांग्रेस ने पूर्व विधायक अनिल चौधरी को बनाया दिल्ली कांग्रेस का नया अध्यक्ष

Posted By: Himmat Jaithwar
3/11/2020

कांग्रेस ने अपने पूर्व विधायक अनिल चौधरी को दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। चौधरी पहले पटपड़गंज से विधायक रहे हैं। वह दिल्ली युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में हुई पार्टी की हार के बाद पार्टी के तत्कालीन अधक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री और पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाल चुकीं शीला दीक्षित के निधन के बाद पार्टी ने सुभाष चोपड़ा को दिल्ली प्रदेश की कमान सौंपी थी, लेकिन 2020 के चुनाव में पार्टी की स्थिति सुधारने के लिए वह कुझ खास नहीं कर सके थे। 

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चौधरी को डीपीसीसी का अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ ही अभिषेक दत्त, जयकिशन, मुदित अग्रवाल, अली हसन और शिवानी चोपड़ा को उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। 

उपाध्यक्ष बनाए गए अभिषेक दत्त मौजूदा समय में पार्षद हैं और पिछले विधानसभा चुनाव में वह कस्तूरबा नगर से चुनाव लड़े थे। पूर्व विधायक जयकिशन को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल, पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे अली हसन और सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा को उपाध्यक्ष बनाया गया है।

बता दें कि, इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाते हुए 62 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, भाजपा के हिस्से में केवल 08 सीटें आई हैं और कांग्रेस पहले की तरह एक बार फिर खाता तक नहीं खोल सकी। 

दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के पूर्व विधायक अनिल चौधरी ने 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनावों को याद करते हुए बताया था कि मैं पटपड़गंज विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहा था। प्रचार के बाद बड़ी संख्या में वोट पड़े थे। भाजपा इस सीट पर अपनी जीत तय मान कर चल रही थी। मतगणना वाले दिन जब गिनती शुरू हुई तो पहले राउंड से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में निराशा छाने लगी। मैं भाजपा प्रत्याशी से पहले राउंड में ही पिछड़ गया। यह सिलसिला 10 राउंड तक जारी रहा। 10वें राउंड के बाद कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता मतगणना केंद्र छोड़कर अपने अपने घर लौट गए थे।

भाजपा प्रत्याशी के साथ मौजूद कार्यकर्ताओं ने वहां लड्डू, झंडे और ढोल-नगाड़े बुला लिए थे। मुझे उम्मीद थी कि जीत मेरी ही होगी और मैं खुद इसी उम्मीद में अंत तक मतगणना केंद्र पर बैठा रहा। 11वें राउंड में कांग्रेस के समर्थन में वोट बढ़ने शुरू हुए और भाजपा प्रत्याशी से मैं केवल 4200 वोट से पीछे रह गया। इसके बाद अगले साढ़े तीन राउंड में कांग्रेस ने न केवल 4200 वोटों के अंतर को खत्म किया, बल्कि 639 वोट से भाजपा प्रत्याशी को हरा दिया।

भाजपा प्रत्याशी 14 राउंड के बाद ही मतगणना केंद्र छोड़ कर चले गए थे। मेरी जीत की खबर के बाद घर वापस गए कार्यकर्ता वापस लौटे और भाजपा के कार्यकर्ता के साथ आए ढ़ोल और नगाड़ों पर कांग्रेस कार्यकर्ता नाचने लगे। मैंने अपने हाथों से कार्यकर्ताओं को लड्डू खिलाए।



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