इंदौर। इंदौर में वैक्सीन को लेकर एक बड़ा ही दिलचस्प मामला सामने आया है। बेटे की नौकरी के लिए पिता ने ऑनलाइन स्लॉट बुक किया। स्लॉट बुकिंग के बाद वह टीकाकरण केंद्र पर भी पहुंचा, लेकिन नंबर आने पर टीका लगाए बिना ही वहां से जाने लगा। डॉक्टर और टीकाकरण केंद्र पर मौजूद कार्यकर्ता हैरान रह गए। उसे रोका तो वह टीका न लगाने का बोलकर बातें बनाने लगा। शंका होने पर उससे सख्ती से पूछताछ की तो पता चला वह बिना टीका लगाए केवल बेटे के लिए सर्टिफिकेट लेने आया था। उसने कहा कि उसे वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। संभवत: इस तरह का देश में पहला मामला होगा।
घटना इंदौर के अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र में उषा राजे परिसर स्थित वैक्सिनेशन सेंटर पर रविवार दोपहर की है। अब्दुल शफीक कुरैशी निवासी आदर्श विद्यालय के सामने ग्रीन पार्क कालोनी टीका केंद्र पर पहुंचा। इसने 5 दिन पहले ऑनलाइन स्लॉट बुक करवाया था। स्लॉट बुक करने के बाद उसे उसके आईडी के आधार पर टीकाकरण के लिए केंद्र में भेजा गया।
यहां जब नंबर आया तो वह टीका न लगाने की बात कह कर बाहर आ गया। डाॅक्टर और केंद्र के कार्यकर्ता प्रतीक तागड़ व सागर भाटिया ने उसे रोका तो वह बोला टीका नहीं लगवाना है, क्योंकि दो लोग हमारे टीका लगाने से जान गंवा चुके हैं। ये बात सुनकर सभी सकपका गए। बाद में उसे बैठाकर सख्ती से पूछताछ की कि तो पता चला वह पुणे में निजी कंपनी में काम कर रहे बेटे के लिए फर्जी ढंग से उसके नाम पर सिर्फ टीकाकरण करवाने का सर्टिफिकेट लेने आया था।
बेटे के लिए सर्टिफिकेट लेने आया था अब्दुल।
टीका न लगाने पर उसका कहना था कि इससे मौत हो रही है। इस पर कार्यकर्ताओं ने उसे घेरा और टीके को लेकर अफवाह फैलाने व माहौल बिगाड़ने की शिकायतें कर उसे अन्नपूर्णा पुलिस के हवाले किया है। मौके पर पूर्व पार्षद भरत पारेख व सुधीर देड़गे भी पहुंचे और अब्दुल शफीक कुरैशी पर टीके को लेकर गलत बातें प्रचारित करने की शिकायत अधिकारियों को की।
अब्दुल ने बताया वह किसी निजी फार्मा कंपनी में काम करता है। बेटे के लिए सिर्फ टीकाकरण का सर्टिफिकेट लेने आया था। मामले में अन्नपूर्णा टीआई गोपाल परमार ने कहा कि जांच के बाद आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा में केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस को शिकायत में यह बताया
पूर्व पार्षद भारत पारख ने पुलिस को दिए शिकायती आवेदन में बताया कि उषा नगर में टीकारकण हो रहा था। यहां अब्दुल शफीक कुरैशी वेरिफिकेशन काउंटर पर पहुंचा और उसने रजिस्ट्रेशन कोड बताया। कम्प्यूटर ऑपरेटर ने पूछा कि यह कोड किसका है तो वह बोला बेटे मोहम्मद दानिश कुरैशी का। वह गाड़ी लगाकर आ रहा है, वेरिफिकेशन कर दो।
वेरिफिकेशन के बाद जब उसे वैक्सीनेशन की ओर जाने का बोला तो वह वहां से खिसकने लगा। इस पर टीम उसके पीछे आई तो वह भागने लगा। टीम ने उसे पकड़ा तो वह बोला कि नाश्ता करने जा रहा हूं। इस पर टीम ने उससे पूछा की आप भाग क्यों रहे थे। आपका बेटा कहां है। इस पर उसने कहा कि मुझे जाने दो।
अब्दुल के पास से मिले आधार कार्ड।
इस पर टीम ने कहा कि जब टीका लगवाने आए थे तो टीका क्यों नहीं लगवा रहे हो। इस पर उसने कहा कि टीका तो हमने कहीं और लगवा लिया है। सर्टिफिकेट लेने आया था। बेटे के बारे में कहा कि वह तो बाहर है, मैं तो सिर्फ प्रमाण पत्र लेने आया था। उससे पूछताछ की तो बोला कि फार्मा कंपनी से जुड़ा हुआ हूं। फिर बोला पत्रकार हूं।
जब हमने कहा कि आपके कारण वैक्सीन का नुकसान होगा तो बोला कि इसे लगवाने से कई लोग मर चुके हैं। मुझे वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। मुझे तो केवल वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट चाहिए था। इसके बाद वह विवाद करने लगा। इस पर उसे पकड़कर थाने को सौंपा गया।