जबलपुर। लाॅकडाउन के बीच एक ओर जहां वर्दी वाले कोरोना संक्रमण से बचाने में जुटे हैं। वहीं कुछ पुलिस वाले वर्दी को शर्मिंदा कर रहे हैं। ऐसा ही एक बर्बर चेहरा गढ़ा पुलिस का सामने आया। पहले तो इस थाने के एक डायल-100 में चलने वाले आरक्षक ने बेवजह कोविड शवों के अंतिम संस्कार करने वाले एक समाजसेवी के घर पहुंच कर वर्दी की धौंस दी। पीड़ित ने इस आरक्षक की करतूत की शिकायत टीआई से लेकर एसपी और आईजी से इस उम्मीद से की कि उसे न्याय मिलेगा पर हुआ उलटा। अब उसे समझौते की धमकी मिल रही है। उसके संस्था के कर्मचारियों के साथ मारपीट की जा रही है।
गढ़ा थाने के आरक्षक पुष्पराज जाट और टीआई पर यह सनसनीखेज आरोप मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर ने लगाए हैं। आशीष के मुताबिक वह कोरोना पीड़ित मरीजों की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार करते हैं। इस संक्रमण काल में उनके साथ कुछ और स्वयंसेवी लोग भी जुटे हैं।
17 मई को पुलिस वाले बेवजह पहुंच गए थे घर
17 मई को एफआरवी गढ़ा के आरक्षक पुष्पराज जाट उसके घर पहुंचे। साथ में थाने के दो सिपाही भी चीता से पहुंचे थे। वहां छोटे भाई ने मोबाइल पर बात कराना चाहा तो लौट गए। इसकी शिकायत उसने गढ़ा टीआई राकेश तिवारी से की। वहां से इस बात का सबूत मांगा गया। घर में लगे सीसीटीवी फुटेज दिखाने के बाद भी आरक्षक पर कार्रवाई नहीं हुई। आरोप लगाया कि उक्त आरक्षक क्षेत्र न होने के बावजूद बायपास पर वसूली करता है।
वरिष्ठ अधिकारी से शिकायत करने पर नाराज हो गए टीआई
मोक्ष संस्था के आशीष ठाकुर का आरोप है कि टीआई द्वारा आरक्षक पर कार्रवाई न किए जाने पर उसने एसपी और आईजी से शिकायत की। वहां से तत्काल कोई कार्रवाई तो नहीं हुई, लेकिन प्रकरण की जांच रांझी सीएसपी पूजा पांडे को सौंप दी गई। इस पर टीआई राकेश तिवारी नाराज हो गए। बोले कि अब वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत कर दी है, तो वहीं मामला देखेंगे। दावा किया कि टीआई उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव डाल रहे हैं। ऐसा न करने पर बुरे अंजाम की धमकी दे रहे हैं।
पुलिस की पिटाई का शिकार मासूम।
मुक्तिधाम से लौट रहे मेरे कर्मियाें पर उतारा गुस्सा
19 मई की रात मोक्ष संस्था से जुड़े शुभम झारिया और कामिल निवासी तिलहरी फेस-1 चौहानी मुक्तिधाम से घर लौट रहे थे। दोनों शवों के लिए लकड़ियां लगाते हैं। घर जाने से पहले वह उससे मिलने आ रहे थे। पिसनहारी छोटा मंदिर और गढ़ा थाने के बीच पुलिस ने रोक लिया।
मोक्ष संस्था का परिचय देते ही उन्हें लाठी से पीटा गया। कामिल का हाथ भी फ्रैक्चर हो गया है। अब कर्मियों पर दबाव बनाया जा रहा है। इसकी शिकायत फिर एसपी और आईजी से की तो दोनों अधिकारी टालमटोल करते दिखे। आईजी ने एसपी के पास तो एसपी ने सीएसपी रांझी से बात करने को कहा। अब न्याय के लिए किसके सामने जाऊं।
मेरी न्याय की उम्मीद टूट गई
मेरी कुछ शिकायतें थी। बड़ी उम्मीद लेकर अधिकारियों के पास गया था। पर इस व्यवस्था के आगे मैं हार गया हूं। न्याय की उम्मीद टूट गई। इस कारण मैं अपनी शिकायत वापस ले रहा हूं। ताकि मेरी संस्था से जुड़े लोग प्रताड़ित होने से बच जाएं।
आशीष ठाकुर, अध्यक्ष, मोक्ष संस्था
आशीष ठाकुर की कुछ शिकायत थी, लेकिन अब उनकी शिकायत दूर हो चुकी है।
राकेश तिवारी, टीआई, गढ़ा
आरक्षक की शिकायत।
संस्था से जुड़े युवकों की पिटाई संबंधी शिकायत।