भोपाल: मध्य प्रदेश में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से ऑक्सीजन की किल्लत बढ़ गई है. इसको देखते हुए 13 जिलों में एक महीने के अंदर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएंगे. जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने आठ जिला अस्पतालों में आक्सीजन संयंत्र करीब छह माह पहले स्वीकृत किए थे, लेकिन जिम्मेदार लापरवाह बने रहे और इनका काम बेहद धीमी गति से चला. लेकिन जब संकट बढ़ा तो सरकारी तंत्र जागा और पांच जिला अस्पतालों में संयंत्र बनाकर तैयार किए गए.
इसके अलावा ऑक्सीजन प्लांट को 37 और जिलों में स्थापित किया जा रहा है. इसमें 13 जिलों में मेसर्स एयर ऑक्स औरंगाबाद को संयंत्र लगाने का काम दिया है. लोक निर्माण विभाग की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक एक माह के अंदर 13 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो जाएंगे. इससे इन जिलों में ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सकेगी.
इस समय प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांटों की ये है स्थिति
केंद्र सरकार ने आठ जिला अस्पतालों- खंडवा, शिवपुरी, सिवनी, उज्जैन, जबलपुर, रतलाम, मंदसौर और मुरैना में लगभग छह माह पहले आक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति दी थी. अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इन ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण नहीं हो पाया था.
बढ़ते कोरोना संक्रमितों की वजह से जब ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित हुई तो अधिकारियों ने इसे आनन-फानन में पूरा कराया. अब खंडवा, शिवपुरी, उज्जैन और सिवनी में प्लांट शुरू हो चुके हैं. इसके अलावा जबलपुर का काम पूरा हो गया है और ठीक यही स्थिति रतलाम, मंदसौर और मुरैना की है. जल्द ही यहां का काम भी पूरा कर लिया जाएगा.
वहीं, सागर, सीहोर, विदिशा, गुना, सतना, रायसेन, बालाघाट, खरगोन, कटनी, बड़वानी, नरसिंहपुर, बैतूल और भोपाल के काटजू अस्पताल में चार सौ से छह सौ लीटर प्रति मिनट आक्सीजन उत्पादन क्षमता के संयंत्र लगाए जाएंगे. इसके लिए 14 अप्रैल 2021 को मेसर्स एयर ऑक्स औरंगाबाद को काम के आदेश दिए हैं, जिसके बाद मेसर्स एयर ऑक्स ग्रुप तैयारियों में जुट गया है.