मध्यप्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 23% बनी हुई है। एक्टिव केस 91 हजार से ज्यादा हो गए हैं। अधिकतर अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड और ICU की बड़ी किल्लत पैदा हो गई है। मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। इंदौर समेत प्रदेश के 24 जिलों में नए मरीज भर्ती करने के लिए ICU और HDU (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) के एक भी बेड नहीं हैं। संक्रमण रोकने के लिए भोपाल समेत 7 शहरों में लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। इंदौर और ग्वालियर में लॉकडाउन बढ़ाने पर फैसला आज लिया जाना है।
ग्वालियर के निजी हॉस्पिटलों में 22%, जबलपुर में 7%, उज्जैन में 4% ICU बेड खाली हैं। भोपाल में सभी सरकारी अस्पताल फुल हैं। सिर्फ पीपुल्स अस्पताल में कुछ बेड खाली हैं। अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि जिस रफ्तार से एक्टिव केस बढ़ रहे हैं, उस हिसाब से प्रदेश के निजी और सरकारी अस्पतालों में करीब 10 हजार बेड बढ़ाए जाएं। ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 29 हजार बेड बढ़ाए जाने की भी जरूरत है, लेकिन यह फिलहाल मुश्किल लग रहा है।
भोपाल के जयप्रकाश अस्पताल में आईसीयू बेड के लिए संक्रमित आशीष रघुवंशी को ढाई घंटे एंबुलेंस में ही इंतजार करना पड़ा।
भोपाल समेत 7 शहरों में 3 मई तक लॉकडाउन
प्रदेश सरकार कोरोना की बढ़ती रफ्तार को थामने के लिए लॉकडाउन और बढ़ा रही है। रविवार को भोपाल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, सागर, गुना, खरगोन और रतलाम में 3 मई की सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया।
इस बीच पिछले 24 घंटे में प्रदेश के चार बड़े शहरों में ही 5,680 नए केस आए हैं, 26 मौतें भी रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा 1841 केस इंदौर में आए और 7 की जान गई। दूसरे नंबर पर भोपाल में 1824 नए केस आए और 3 मौतें दर्ज हुईं। ग्वालियर में 1208 नए मामले सामने आए और 8 ने जान गंवाई है। वहीं, जबलपुर में 807 संक्रमितों की पहचान हुई और 8 की मौत हुई।
भोपाल: अस्पताल फुल, बाहर एंबुलेंस में मरीज ऑक्सीजन पर
राजधानी के सारे अस्पताल कोविड मरीजों से फुल हो गए हैं। रविवार को ऐसे 100 मरीज एंबुलेंस में एक से दूसरे अस्पताल में भटकते रहे, लेकिन कहीं भी उन्हें बेड नहीं मिला। इनमें कई मरीज दूसरे शहरों से आए थे। ये हालात इसलिए भी बने हैं क्योंकि निजी अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं और सरकारी में जगह नहीं है। यहां भी पिछले 2 दिन से 1800 से ज्यादा मरीज निकल रहे हैं। 24 घंटे में 1824 नए केस आए हैं। 3 मौतें सरकारी रिकॉर्ड में बताई गईं। 1204 लोग स्वस्थ होकर घर गए।
इंदौर: लगातार दूसरे दिन 18 सौ से ज्यादा केस
यहां कोरोना की रफ्तार सबसे ज्यादा है। लगातार दूसरे दिन 18 सौ से ज्यादा संक्रमित मिले रहे हैं। 24 घंटे में 1841 नए केस आए और 7 की मौत हुई। संक्रमण कम नहीं होने से नए मरीजों के लिए बेड नहीं मिल रहे हैं। अस्पताल के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। लोग कार, ऑटो और एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर के सहारे रहने को मजबूर हैं। यही हाल रेमडेसिविर इंजेक्शन का है। गंभीर मरीजों के परिजन इंजेक्शन के लिए भटक रहे हैं।
ग्वालियर: एक्टिव केस 9 हजार के पार
बीते दिन 4250 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट में 1208 नए संक्रमित निकले। एक्टिव केस बढ़कर 9135 हो गए हैं। कंटेनमेंट जोन की संख्या 444 हो गई है। सरकारी रिकॉर्ड में सिर्फ 8 की मौत बताई गई है, लेकिन कोविड प्रोटोकॉल से 44 संक्रमित के शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें से 29 ग्वालियर के थे।
ऑक्सीजन की कमी के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की मारामारी बढ़ गई है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह का बंगला भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवेश शर्मा ने घेर लिया। इस पर मंत्री ने उन्हें इंजेक्शन उपलब्ध कराने का अश्वासन दिया। वहीं, पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा ने इंजेक्शन दलालों के पास जाने का आरोप लगाया।
जबलपुर: 4500 से ज्यादा संक्रमितों का इलाज घरों से ही
यहां 4680 संक्रमित अपने घरों में ही इलाज ले रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से अस्पताल मरीजों को भर्ती नहीं कर रहे हैं। 24 घंटे में 8 मरीजों की मौत हुई है और 807 नए संक्रमित मिले हैं। हालांकि इस दौरान 907 लोगों को संक्रमण से मुक्त होने पर डिस्चार्ज किया गया। शहर में कुल एक्टिव केस 6663 हैं। जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. रत्नेश कुरारिया को भी कोरोना ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है।