उज्जैन। उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना मरीज की मौत के बाद परिवार वालों का गुस्सा फूट पड़ा। शनिवार को परिवार वालों का गुस्सा इस वजह से था कि कोरोना से मरने वाले मरीज के सिर से खून बह रहा था। परिवार वालों ने पूछा तो डॉक्टर ने लापरवाही से जवाब दिया कि गिर गए थे और सिर फूट गया। इसी वजह से खून बह रहा है। बस, फिर क्या था परिवार के लोगों ने डॉक्टर्स को पीट दिया। पुलिस पहुंची तो उन्हें भी मारा। डॉक्टर और पुलिस के बीच भी विवाद हुआ। इसी झगड़े में एक जवान का तो सिर फोड़ दिया और उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। पुलिस जवान के सिर में चार टांके आए है।
कोरोना संक्रमण इलाज के लिए मेट्रो टॉकीज के पास रहने वाले बंशीलाल खंडेलवाल आरडी गार्डी अस्पताल में भर्ती हुए थे। जहां पर बीती रात उनका निधन हो गया। बीके खंडेलवाल और परिवार के अन्य लोग जब शनिवार को डेड बॉडी लेने पहुंचे तो मृतक बंशीलाल खंडेलवाल के सिर पर से खून बह रहा था।
इस बात को लेकर परिवार वालों ने आपत्ति ली और उन्होंने मौजूद डाक्टरों से पूछा कि कोरोना से हुए निधन के बाद सिर में से खून क्यों निकल रहा है। इस पर डॉक्टरों और परिवार वालों के बीच बहस हो गई। अस्पताल स्टाफ ने कहा कि वह गिर गए थे इसलिए सिर फूट गया। ऐसे में हंगामा और बढ़ गया। देखते ही देखते डॉक्टर और परिवार वालों में मारपीट होने लगी।
विवाद की सूचना मिलते ही थाना चिमनगंज मंडी पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस विवाद सुलझाने लगी, लेकिन इस बीच डाक्टरों और पुलिस के बीच भी विवाद हो गया। किसी ने चिमनगंज मंडी के आरक्षक आशुतोष नागर पर हमला कर दिया। इससे आरक्षक घायल हो गया और उसे सिर में चोट आने के बाद 4 टांके लगाने पड़े है।
पुलिस ने कराया मामला शांत
विवाद की सूचना पर मौके पर पहुंचे अपर कलेक्टर सुजान सिंह रावत, एडिशनल एसपी अमरेंद्र सिंह ने मामले को शांत करवाया है। इस बीच मृतक के परिवारवालों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। आरडी गार्डी के डीन एमके राठौर ने कहा कि मैं उस समय मौजूद नहीं था। डॉक्टरों ने बताया कि पहले परिजनों ने मारपीट की। बाद में पुलिस ने भी हमारे साथ मारपीट की है। उज्जैन एसपी सत्येंद्र शुक्ल ने पूरी घटना की जांच के बाद ही कुछ कहने की बात कही। लेकिन यह जरूर माना कि पूरे विवाद में एक पुलिसकर्मी घायल हुआ है।