जबलपुर। मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है। जबलपुर में 8 दिन में दूसरी बार गुरुवार रात 5 कोविड मरीजों की मौत हो गई। ऑक्सीजन समाप्त होने से उखरी रोड स्थित गैलेक्सी हॉस्पिटल में पांच मरीजों ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। इससे भी शर्मनाक बात ये है कि जब मरीज ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने पर तड़प रहे तो ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ अस्पताल छोड़कर भाग गए। 16 दिनों में मध्यप्रदेश में 61 मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई हैं।
पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आनन-फानन में मोर्चा संभाला। तत्काल कुछ सिलेंडर की व्यवस्था कराई। दो मरीजों की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है। इस पूरे घटना से आक्रोशित परिजनों ने जमकर हंगामा किया।
गैलेक्सी हॉस्पिटल में कुल 65 कोविड संक्रमित भर्ती थे। इसमें 31 ऑक्सीजन वाले और 34 आईसीयू के मरीज भर्ती थे। दम तोड़ने वाले महाराजपुर पटेल नगर निवासी अमित कुमार शर्मा (42) के परिजनों ने आरोप लगाया कि चार दिन पहले उन्हें भर्ती कराया था। वीकल फैक्ट्री में चार्जमैन अमित कुमार शर्मा का ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था। रात डेढ़ बजे अचानक ऑक्सीजन समाप्त हो गई।
परेशान परिजन अपनों की ले रहे खोजखबर।
हैरानी की बात ये है कि अस्पताल में बैकअप नहीं रखा गया था। अमित कुमार के साथ ही आईसीयू में भर्ती गाडरवारा नरसिंहपुर निवासी 65 वर्षीय गोमती राय, नरसिंहपुर निवासी विमला तिवारी (48), छिंदवाड़ा निवासी आनंद शर्मा और विजय नगर अग्रसेन वार्ड निवासी देवेंद्र कुमार (58) ने भी तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। वहीं अन्य मरीजों में दो की हालत अभी नाजुक बनी हुई है।
मौतें होते ही डाॅक्टर-स्टाफ भाग निकले
पूरे मामले में हॉस्पिटल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक तरफ ऑक्सीजन का बैकअप नहीं रखा। दूसरी ओर ऑक्सीजन का कोई इंतजाम नहीं किया गया। तीसरी लापरवाही तब की, जब ऑक्सीजन समाप्त होने के बाद मरीज तड़पने लगे। डॉक्टरों को इलाज के लिए मौजूद रहना था, लेकिन वे स्टाफ के साथ मरीजों को भगवान भरोसे छोड़कर भाग निकले। कलेक्टर की ओर से अस्पतालों पर नजर रखने के लिए पटवारी की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन वो भी इसकी सूचना नहीं दे पाया।
भड़के परिजनों ने किया हंगामा, तब पहुंची पुलिस
मौतों और डॉक्टर स्टाफ के भागने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए। वे हंगामा करने लगे। इसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को दी। सीएसपी कोतवाली दीपक मिश्रा सहित कोतवाली, लार्डगंज, विजय नगर, मदनमहल, अधारताल थाने का बल बुलाना पड़ा। पुलिस की एक टीम जल्दी से अधारताल रवाना हुई। वहां से ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर पुलिस अस्पताल पहुंची। तीन बजे ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो पाई।
उखरी स्थित गैलेक्सी अस्पताल में पांच संक्रमितों की हुई मौत
पांचों शवों को चौहानी मुक्तिधान भिजवाया गया
परिजनों के आक्रोश को देखते हुए अभी मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पांचों मृतकों के शवों को मोक्ष संस्था के माध्यम से चौहानी मुक्तिधाम भिजवा दिया गया है। मौके पर एनएसयूआई के कार्यकर्ता भी हंगामा करने पहुंचे थे। हालांकि पुलिस ने समझा-बुझाकर लोगों को किसी तरह शांत कराया। परिजन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग पर अड़े हैं।
सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी
इंदौर से 30 टन लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति पर रोक लगने के बाद जिले में लगभग सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है। कई मरीजों को बरगद और पीपल के पेड़ के नीचे बैठाने की सलाह दी जा रही है। ऑक्सीजन किल्लत को लेकर दो दिन पहले ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सीएम को सर्तक किया था। बावजूद व्यवस्था नहीं की गई। जबलपुर के सांसद राकेश सिंह ने चार टैंक भिलाई से मंगवाने का दावा किया है, लेकिन अभी तक उसका भी कहीं अता-पता नहीं है।
15 अप्रैल को भी ऑक्सीजन की कमी से हुई थीं मौतें
इसके पहले जबलपुर में लिक्विड प्लांट में आई खराबी के कारण ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से पिछले गुरुवार (15 अप्रैल ) 5 मरीजों की मौत हो गई थी। सभी वेंटिलेटर पर थे। एक मौत मेडिसिटी लाइफ अस्पताल और 4 की मौत सुख-सागर मेडिकल कॉलेज में हुई थी।
CMHO बोले- अस्पताल प्रबंधन ने बताया है कि गाड़ी पंक्चर हो गई थी, इसलिए देरी हुई
CMHO डॉ. रत्नेश कुरारिया ने बताया कि गैलेक्सी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन न मिलने के कारण कोरोना से संक्रमित 5 मरीजों की मौत का पता चला है। इसके बाद गैलेक्सी अस्पताल में नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी गई है। अस्पताल प्रबंधन को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोविड-19 मरीजों को भर्ती न करें, ऐसा करने पर अस्पताल का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा।
अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जो गाड़ी ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चली थी, वह रास्ते में पंचर हो गई, इसलिए समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल नहीं पहुंच पाए जो मरीजों की मौत का कारण बनी। डॉक्टर कुरारिया ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम का गठन कर दिया गया है। टीम को निर्देश दिए गए हैं कि जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपी जाए। यदि ऑक्सीजन आपूर्ति बाधित होने व अन्य तरह की लापरवाही से मरीजों की मौत का पता चलता है तो गैलेक्सी अस्पताल का पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा।
अब नाकामी छिपाने माइक्रो सिलेंडर में खराबी का बहाना
ऑक्सीजन सिलेंडर प्रभारी एसडीएम अनुराग तिवारी के मुताबिक गलैक्सी हॉस्पिटल की आतंरिक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली की गड़बड़ी की वजह से पांच मौतें हुई हैं। माइक्रो सिलेंडर खराब होने से 20 मिनट ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई थी। हालांकि एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि पुलिस टीम भेजकर अधारताल से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाया। तब वहां भर्ती मरीजों को राहत मिली पाई थी। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने एसडीएम शाहिद खान और अनुराग तिवारी जांच कमेटी गठित की है।