ग्वालियर। सोमवार को लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में कोविड संक्रमित के शवों को जलाते-जलाते कर्मचारी थक गए। दोपहर बाद यह स्थिति थी कि सामान्य मौत वालों को चार-चार घंटे इंतजार करना पड़ा। बता दें कि यहां शवों को जलाने के लिए लंबी वेटिंग है।मुक्तिधाम प्रबंधन का दावा है दिन भर में 34 शवों को जलाया गया है। इनमें से 28 का अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन से किया गया है। वहीं सरकारी आंकड़ों में सोमवार को 11 कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है,जबकि एक दिन पहले 17 की मौत हुई थी।
प्रदेश भर के साथ ग्वालियर में तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है।इस बार वायरस खतरनाक मोड में है।संक्रमण की चपेट में बुजुर्ग से ज्यादा युवा हैं।लगातार मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है।हर दिन ग्वालियर में संक्रमित दम तोड़ते जा रहे हैं। रविवार को 17 संक्रमितों की मौत हुई थी,जबकि सोमवार को 11 मौत हुई है।
यही कारण है,सोमवार को लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम में जलने के लिए शवों की वेटिंग बढ़ती चली गई। दोपहर बाद यह हालत थी कि शव दाह मशीन पर इतना लोढ बढ़ गया कि मशीन को कुछ देर के लिए ठंडा होने के लिए बंद करना पड़ा। इसके बाद तो कंडों, लकड़ी पर भी शवों को जलाया गया।
डराने वाला है आंकड़ा
सरकारी आंकड़ों में सोमवार को 11 मौतेें बताई गई हैं।वहीं मुक्तिधाम की ओर से बताया गया है,सोमवार को 34 लोगों में से 28 का अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन से किया गया।ऐसे में आंकड़े हकीकत में डराने वाले हैं। सवालिया निशान यह कोविड संक्रमित की मौत कहां हो रही हैं और शव कहां से मुक्तिधाम पहुंच रहे हैं।
सामान्य मौत वाले हो रहे परेशान-सोमवार को सामान्य मौत वालों के परिजन को परेशानी हुई है। शहर के 60 फीसदी आबादी के लिए लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम ही एक मात्र मुक्तिधाम है।साथ ही,यह कोविड मुक्तिधाम भी बनाया गया है। सोमवार को 6 सामान्य मौत वाले भी शवों को लेकर यहां पहुंचे, लेकिन उनको परेशानी का सामना करना पड़ा।चारों तरफ कोविड संक्रमित का अंतिम संस्कार चल रहा था,इसलिए अब कोविड के लिए दूसरे मुक्तिधामों में भी व्यवस्था बनाने पर जोर दिया जा रहा है।