मध्य प्रदेश में जिस रफ्तार से कोरोना ने पैर पसारे है, उसे लेकर केंद्र सरकार ने चिंता जाहिर की है। केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने कहा कि प्रदेश में पिछले 30 दिन में 52 में से 44 जिलों में 79% संक्रमण बढ़ा है। संक्रमण के खतरे को देखते हुए हाॅस्पिटल प्रोटोकॉल को लागू किया जाए। केंद्र ने मार्च महीने में कोरोना के मामलों में वृद्धि के मद्देनजर दिशा-निर्देश जारी कर राज्यों को जांच, संपर्कों का पता लगाने, उपचार प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने को कहा था।
मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि मप्र में भी तेजी से कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं। कोरोना के बढ़ते नए मामलों के बीच गुरुवार देर शाम को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों के साथ कोरोना की स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा के लिए उच्च-स्तरीय बैठक की।बैठक में प्रदेश सरकार ने केंद्र से ऑक्सीजन, बेड और आईसीयू बेड की संख्या बढ़ाने की मांग की है। इस दौरान भल्ला ने प्रदेश के शीर्ष अधिकारियों को टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट, वैक्सीनेट (टीकाकरण) की पांच-गुना रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने को कहा है।
बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस ने बताया कि पिछले दो सप्ताह में ही 13.4% नए केस मिले हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और खंडवा हैं। राज्य में RT-PCR टेस्ट बढ़ा दिए गए हैं। केंद्र के अफसरों ने प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को भी कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने के लिए एक कारण माना है।
बता दें कि प्रदेश में 14 अप्रैल को 10 हजार से ऊपर कोरोना के नए मामले सामने आए थे। 47,820 सैंपलों की जांच में इतने मरीज मिले थे, इस लिहाज से संक्रमण दर 21% रही, यानी जांच कराने वाला हर 5वां व्यक्ति संक्रमित है। इस दौरान 53 मरीजों की जान चली गई। प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 55,694 हो गई है।
रेलवे व कोल इंडिया के अस्पतालों की मदद ली जाए
केंद्र सरकार ने कहा है कि अस्पतालों में ऑक्सीजन वाले बेड सहित अन्य आवश्यकताओं की आपूर्ति बनाए रखें। केंद्रीय संस्थाओं जैसे रेलवे, कोल इंडिया आदि के अस्पतालों की मदद भी राज्य सरकार ले। इसके अलावा MBBS के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों और नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे जूनियर का भी सहयोग लिया जाए। इस संबंध में केंद्र सरकार पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है। केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सहित अन्य आवश्यकताओं की आपूर्ति बनाए रखें।
केंद्र के राज्य को निर्देश
- मध्य प्रदेश में स्टेट लेबल पर RT-PCR टेस्ट 70% मेंटेन है, लेकिन इसे जिला स्तर पर भी लागू किया जाए।
- शहरों में घनी आबादी वाले एरिया में रैपिड एंटीजन टेस्ट की संख्या बढ़ाएं।
- रैपिड एंटीजन टेस्ट से लेकर RT-PCR टेस्ट की जांच आने तक मरीज की निगरानी की जाए।
- संक्रमित व्यक्ति के करीबी संपर्क में आए 25 से 30 लोगों को तत्काल आइसोलेट करें।