मध्य प्रदेश में कोरोना से बिगड़े हालात! भोपाल में 900 में से 700 वेंटिलेटर भरे, बेड की भी कमी

Posted By: Himmat Jaithwar
4/12/2021

भोपालः मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी से हालात दिनों दिन बिगड़ते ही जा रहे हैं. बता दें कि राजधानी भोपाल के विभिन्न अस्पतालों में इस वक्त 900 वेंटिलेटर काम कर रहे हैं, जिनमें से 700 वेंटिलेटर भर चुके हैं. जिस तरह से रोजोना कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उसे देखते हुए हालात चिंताजनक हो सकते हैं. भास्कर की एक खबर के अनुसार, अस्पतालों में अधिकतर बेड भर गए हैं और कुछ अस्पतालों में मरोजों को बेड भी नहीं मिल पा रहे हैं. इसकी वजह ये है कि राजधानी में दूसरे इलाकों से भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. 

10 दिन में बढ़े 40 वेंटिलेटर, मरीज 5647 बढ़ गए
भोपाल में हालात की गंभीरता को इसी बात से समझा जा सकता है कि बीते 10 दिनों में राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में 40 वेंटिलेटर बढ़े हैं लेकिन दूसरी तरफ इस दौरान भोपाल में 5647 मरीज बढ़ गए हैं. ऐसे में मरीजों की संख्या और वेंटिलेटर्स की संख्या के बीच के बड़े अंतर को आसानी से समझा जा सकता है. 

राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल हमीदिया में 60 वेंटिलेटर हैं और अभी सारे भर चुके हैं. इसी तरह जेपी अस्पताल में 7 वेंटिलेटर्स हैं और सातों भर गए हैं. चिरायु में 50 हैं और इनमें से 30 भर गए हैं. इसी तरह बंसल अस्पताल में 8 वेंटिलेटर हैं और सभी भर गए हैं. बीएमएच अस्पताल में 3 वेंटिलेटर हैं और सभी भर गए हैं. 

ऑक्सीजन की कमी रोकने के लिए सरकार ने उठाया ये कदम
अस्पतालों में कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन की कमी ना हो, इसके लिए भोपाल प्रशासन ने ऑक्सीजन सिलेंडर की डिलीवरी करने वाले वाहनों को 24 घंटे की छूट दे दी है. शहर में दिन के समय भारी वाहनों की एंट्री पर लगे बैन से भी ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर जाने वाले वाहनों को छूट दे दी गई है. 

300 पुलिसकर्मी संक्रमित
मध्य प्रदेश में पैर पसारते कोरोना संक्रमण की चपेट में भोपाल के 300 पुलिसकर्मी भी आ गए हैं. इनमें से 70 को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और तीन की हालत नाजुक है. बागसेवनिया थाने के एसआई की तो रविवार सुबह हमीदिया अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. 

रेमडेसिविर दवाई के निर्यात पर लगा प्रतिबंध
कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर दवाई की कालाबाजारी की घटनाओं के बीच केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं एमपी में रेमडेसिविर की कालाबाजारी रोकने के लिए विभिन्न टीमों को फील्ड में उतारा है. ये टीमें छापामारी कर रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर रोक लगाएंगी. 



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