टेलीकॉम विभाग नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के सहयोग से बेलआउट पैकेज तैयार करने में जुटा है। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 17 मार्च को है।
नई दिल्ली। सरकार का बकाया चुकाने को लेकर परेशान टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की ओर से ही राहत मिल सकती है। इसी सप्ताह के अंत तक केंद्रीय कैबिनेट की ओर से टेलीकॉम कंपनियों को बकाया एजीआर यानी एडस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू चुकाने के लिए पैकेज दिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार टेलीकॉम सेक्टर की स्थिति को लेकर चिंतित है और वोडाफोन आइडिया के कारोबार समेटने जैसी स्थिति से बचना चाहती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम विभाग नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के सहयोग से बेलआउट पैकेज तैयार करने में जुटा है। बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 17 मार्च को है और उससे पहले सरकार टेलीकॉम कंपनियों को राहत देने वाला पैकेज लाने की कोशिश में जुटी है।
दरअसल इस बेलआउट पैकेज में सरकार का फोकस कंपनियों को बकाया राशि चुकाने के लिए समय देने पर होगा। इसके अलावा लाइसेंस फीस में छूट देने का फैसला लिया जा सकता है ताकि कंपनियों पर बोझ कुछ कम हो सके। गौरतलब है कि टेलीकॉम कंपनियों पर सरकार की 1.47 लाख करोड़ रुपये की देनदारी है। इसमें से सबसे बड़ी रकम वोडाफोन आइडिया पर 53,000 करोड़ रुपये है, जिसमें से उसने अब तक महज 3,500 करोड़ रुपये की चुकाए हैं।
इसके अलावा एयरटेल पर 35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है और उसने सिर्फ 18,000 करोड़ ही चुकाएं हैं। इस तरह से एयरटेल पर अब भी 17,000 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम बकाया है। हालांकि सरकार और टेलीकॉम कंपनियों के बीच बकाया रकम के आंकड़े को लेकर भी गहरे मतभेद हैं। यही नहीं वोडाफोन ने पिछले दिनों साफतौर पर कहा था कि यदि उसे कुछ राहत नहीं मिलती है तो फिर उसके लिए बकाया रकम को चुकाना मुश्किल होगा। यही नहीं कंपनी ने यहां तक कहा कि उसे ऐसी स्थिति में भारत से अपना कारोबार समेटने पर भी मजबूर होना पड़ सकता है।