इंदौर-धार रोड पर बेटमाखुर्द में 450 एकड़ में इंटरनेशनल मेगा फर्नीचर क्लस्टर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंजूरी मिल गई है। सोमवार को भोपाल में हुई बैठक में सीएम ने इस क्लस्टर का प्रेजेंटेशन देखा और इसे आत्मनिर्भर मप्र नीति के तहत मंजूर कर लिया।
बैठक में बताया गया कि इंदौर में अभी फर्नीचर कारोबारियों का सालाना कारोबार टर्नओवर एक हजार करोड़ का है, जो इस क्लस्टर के बाद कुछ ही सालों में बढ़कर पांच हजार करोड़ से ज्यादा का हो जाएगा और इससे 12 हजार से अधिक लोगों को सीधे रोजगार मिलेगा। सरकार को भी जीएसटी में 400 करोड़ हर साल राजस्व मिलेगा।
सीए संतोष मुछाल ने यह प्रेजेंटेशन दिया और इससे प्रदेश को होने वाले लाभ बताए। एसोसिएशन की ओर से इसमें सरकार से रियायती दर पर जमीन की मांग, मुख्य मार्ग के विकास आदि की बातें भी रखी गई। इन सभी पर सीएम ने सहमति जताई है।
चाइना है सबसे बड़ा निर्यातक
वर्तमान में फर्नीचर के कारोबार में चाइना सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में सबसे अधिक फर्नीचर चाइना से ही आता है। कोरोना महामारी के बाद चाइना की जगह देश में ही फर्नीचर उत्पादन की संभावना अधिक हुई है, ऐसे में इंदौर और प्रदेश के लिए यह बड़ा अवसर है।
82 कारोबारी आज ही 250 एकड़ जमीन लेने को तैयार
सबसे अहम बात यह है कि फर्नीचर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस क्लस्टर के प्रस्ताव के साथ ही 82 कारोबारियों की भी सूची साथ में दी है, जिसमें बताया गया है कि ये कारोबारी यहां 250 एकड़ जमीन अभी लेकर 859 करोड़ का निवेश करने के लिए तैयार हैं, यानी क्लस्टर शुरू होते ही जमीन लेकर कारोबारी प्लांट भी स्थापित करने लग जाएंगे। बैठक में मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा व तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, एसोसिएशन अध्यक्ष विनोद बाफना, सचिव हरीश नागर मौजूद थे।