आयकर विभाग को कांग्रेस विधायक निलय डागा के महाराष्ट्र के सोलापुर स्थित ठिकाने से 8 करोड़ रुपए कैश मिले हैं। डागा और उनके भाइयों के यहां तीन दिन से छापेमारी चल रही थी। शनिवार रात करीब एक बजे सोलापुर में डागा का एक कर्मचारी बैग लेकर भागने की कोशिश करते पकड़ा गया। यह बैग नोटों से भरा था। इसके बाद इसी ठिकाने से इसी तरह के दूसरे भी बैग मिले।
नोटों की भारी संख्या देखते हुए कई नोट काउंटिंग मशीन लगानी पड़ीं। लंबी गणना के बाद यह राशि करीब 7.50 करोड़ रुपए निकली। डागा बंधु इस धन का कोई स्रोत ही नहीं बता सके। इसलिए विभाग ने इसे जब्त कर लिया। पहले दो दिन में भी बैतूल समेत दूसरे ठिकानों से 60 लाख रुपए की राशि मिल चुकी थी। दोनों को मिलाकर इस सर्च से जब्त राशि 8.10 करोड़ रुपए हो गई। राशि ज्यादा होने के कारण सोलापुर में दो बैंकों की शाखाएं केवल पैसा जमा कराने के लिए रविवार होने के बाद भी खुलवाई गईं।
आयकर विभाग भोपाल की इवेंस्टिगेशन विंग में अब तक हुईं किसी भी सर्च में एक साथ इतना बड़ा कैश बरामद नहीं हुआ। 2019 में अश्विन शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सहयोगियों के यहां हुई सर्च में करीब 12 करोड़ रुपए की बरामदगी जरूर हुई थी, लेकिन यह छापा दिल्ली की आयकर िवभाग की टीम ने डाला था।
हवाला और कैश ट्रांजेक्शन भी 100 करोड़ रु. से ज्यादा
आयकर विभाग को यह भी प्रमाण मिले हैं कि डागा की कंपनियों ने हवाला के माध्यम से बड़े पैमाने पर पैसा भेजा और मंगाया। विभाग को आशंका है कि हवाला के माध्यम से देश के कई शहरों के साथ विदेशों में भी पैसा भेजा गया। इसके साथ ही बड़े-बड़े भुगतान भी नगद में कर दिए गए। ये लेन-देन भी 100 करोड़ रुपए से ज्यादा के बताए जा रहे हैं।
24 से अधिक शैल कंपनियां में 100 करोड़ की आय छिपाई
सूत्रों ने बताया कि निलय डागा और उनके भाई कोलकाता की 24 कंपनियों से बोगस लेनदेन कर रहे थे। इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स चाेरी ही बताया जा रहा था। विभाग को सैकड़ों ऐसे दस्तावेज मिले, जिनसे यह साबित हो रही है कि डागा ने इन कंपनियों से लाखों ट्रांजेक्शन किए। इन ट्रांजेक्शन का मूल्यांकन करीब 100 करोड़ रुपए आंका गया है।