स्पीकर की रेस में समधी से पिछड़े केदारनाथ तो छलका दर्द, बोले- समय बड़ा बलवान होता है

Posted By: Himmat Jaithwar
2/21/2021

भोपाल: मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष बनते-बनते रह गए बीजेपी के वरिष्ठ नेता और 4 बार के विधायक केदारनाथ शुक्ला का ZEE MEDIA के कैमरे के सामने दर्द झलक उठा. भाजपा विधायक केदार नाथ शुक्ला ने कहा समय बड़ा बलवान होता है. कांग्रेस में हमेशा सीधी को मंत्रिमंडल में तवज्जो दी गई, पर भाजपा ने आज तक सीधी से किसी को मंत्री नहीं बनाया, जबकि भाजपा को राज्य में पहला विधायक सीधी ने ही दिया था. आपको बता दें कि भाजपा ने रीवा के देवतालाब से विधायक गिरीश गौतम को स्पीकर बनाने का फैसला किया है.

केदारनाथ शुक्ला ने जाहिर कर दी है पद की इच्छा

पहले मंत्री बनने की दौड़ में पिछड़ने के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष बनते-बनते रह गए केदारनाथ शुक्ला ने कहा, ''पद से मोह है. राजनीतिक व्यक्ति हूं. संन्यासी नहीं. मैं पार्टी का सीनियर विधायक हूं. विंध्य को सरकार की कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए.'' आपको बता दें कि केदारनाथ शुक्ला सीधी से भाजपा के विधायक हैं. उन्होंने लगातार चार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. मजेदार बात यह है कि गिरीश गौतम रिश्ते में उनके समधी लगते हैं. केदारनाथ शुक्ला ने अपने समधी को बधाई भी दे दी है.


विंध्य क्षेत्र ने 2018 के चुनाव में BJP को संभाला था
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को विंध्य क्षेत्र से सर्वाधिक सीटें मिली थीं. रीवा, सतना, सीधी और शहडोल लोकसभा क्षेत्रों को मिलाकर विंध्य क्षेत्र बनता है. विंध्य क्षेत्र से एमपी विधानसभा की 31 सीटें आती हैं. साल 2014 में भाजपा यहां सिर्फ 4 सीटों पर जीत पाई थी, जबकि 2018 में यह आंकड़ा 24 रहा. इसके बावजूद वर्तमान शिवराज सरकार में विंध्य क्षेत्र का प्रति​निधित्व नहीं है. इसको लेकर विंध्य के कई भाजपा नेता बगावती सुर भी छेड़ चुके हैं.

विंध्य को तवज्जो देना शिवराज सरकार की मजबूरी

शिवराज सरकार ने मौके की नजाकत को समझते हुए विंध्य क्षेत्र से आने वाले वरिष्ठ नेता गिरीश गौतम को विधानसभा अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है. करीब 17 साल बाद विंध्य का कोई नेता एमपी विधानसभा का अध्यक्ष बनेगा. गौतम से पहले विंध्य के विंध्य के कद्दावर नेता श्रीनिवास तिवारी 9 साल 352 दिन एमपी असेंबली के स्पीकर रहे. उनका 2 बार का कार्यकाल दिग्विजय सरकार के दौरान 24 दिसंबर 1993 से 11 दिसंबर 2003 तक रहा. इस पद के लिए केदारनाथ शुक्ला के नाम की भी चर्चा चल रही थी. लेकिन वह रेस में गिरीश गौतम से पिछड़ गए.



Log In Your Account