इंदौर। इंदौर में चल रहे भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। प्रदेश में अब तक हुई कार्रवाइयों में यह सबसे बड़ी है। इन भूमाफिया में सबसे बड़ा नाम दीपक जैन उर्फ दीपक मद्दा का है। दीपक वही शख्स है, जिसने 15 साल पहले खजराना क्षेत्र में अपने छह साथियों के साथ मिलकर 10 हेक्टेयर में हिना पैलेस कॉलोनी काटी थी। हजारों प्लाट काटकर लोगों के नाम रजिस्ट्री करके रुपए वसूल लिए। लेकिन जब वे प्लाट लेने पहुंचे तो उन्हें प्लाट ही नहीं मिला। पीड़ित 15 सालों तक पुलिस और प्रशासन के चक्कर काटते रहे, लेकिन न्याय नहीं मिला। चार दिन पहले जब जिला प्रशासन ने अचानक कार्रवाई शुरू की तो उनकी उम्मीद जाग गई।
15 साल पहले अवैध रूप से बनी हिना पैलेस काॅलोनी 2.600 हेक्टेयर में थी। इसमें कुल छह रजिस्ट्रियां हुई, जिसमें श्रीराम गृह निर्माण सहकारी संस्था की जमीन पर 3, हरियाणा गृह निर्माण सहकारी संस्था की एक, सारथी गृह निर्माण सहकारी संस्था की एक और शताब्दी गृह निर्माण संस्था की एक रजिस्ट्री है, जिसे निरस्त किया जा रहा है। बाद में इससे लगी गृह निर्माण सहकारी संस्था की जमीनों को खरीदा और 10.746 हेक्टेयर में नई हिना पैलेस कॉलोनी बना ली। श्रीराम गृह निर्माण सहकारी संस्था की 5.348 हेक्टेयर , सारथी गृह निर्माण सहकारी संस्था की 0.624 हेक्टेयर , हरियाणा गृह निर्माण की 0.429 हेक्टेयर और शताब्दी गृह निर्माण की 0.32 हेक्टेयर की जमीनों को लेकर नई कॉलोनी बनाई गई।
हिना पैलेस कॉलोनी मामले में 7 पर एफआईआर दर्ज हुई है, जिनमें जितेंद्र धवन, राजीव धवन, श्रीधर कदम, रामसेवक पाल, गुलाम हुसैन, रमेशचंद्र जैन और दीपक जैन हैं। अयोध्यापुरी कॉलोनी में 96 प्लाॅट की दो-दो रजिस्ट्रियां मिलीं। रणबीरसिंह सूदन को अध्यक्ष बनाया गया। मेरा फाइनेंस नाम से कंपनी बनाई गई। इसमें नीमा और मुकेश खत्री और तीन अन्य आरोपी हैं। जिन 96 लोगों ने पहले रजिस्ट्री कराई थी, उनको डरा-धमका कर प्लाॅट छोडऩे के लिए दबाव बनाया गया। आठ आरोपियों के खिलाफ सात धाराओं में प्रकरण दर्ज हुआ है। देवी अहल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था की चार एकड़ जमीन की स्प्लिेकस प्रा.लि. में एक रजिस्ट्री करवाई 369, जिसमें 96 रजिस्ट्रियां डबल मिली हैं। हिना पैलेस कालोनी का सीमांकन 22 जुलाई 2020 को हुआ था। सीमांकन रिपोर्ट के बाद से शिकंजा कसने की तैयारियां शुरू हो गई थी। इंदौर जिले में 858 गृह निर्माण सोसायटियां पंजीकृत हैं, जिसमें 697 सोसायटियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज हुई हैं और 128 सोसायटियों के सदस्यों को प्लाट नहीं मिले हैं। इनमें से श्रीराम गृह निर्माण सहकारी संस्था, देवी अहल्या सहित छह सोसायटी ऐसी हैं, जिनकी पूरी की पूरी जमीन हड़प ली गई।
लोकायुक्त ने दर्ज किया था केस - 6 वर्ष पूर्व हिनापैलेस कॉलोनी के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने केस दर्ज कर किया था । इसमें उपायुक्त सहकारिता इंदौर जगदीश कनौज, कॉलोनी रहवासी संघ के कथित अध्यक्ष माखनलाल, कॉलोनी बसाने वाली श्रीराम गृह निर्माण संस्था के पूर्व अध्यक्ष रामसेवक पाल, संस्था से जमीन खरीदने वाले दिलीप सिसौदिया, वैभव लक्ष्मी संस्था के कर्ताधर्ता बिल्डर जितेंद्र धवन राजीव धवन आरोपी थे । जिला पंजीयक कार्यालय, संयुक्त संचालक टीएंडसीपी और नगर निगम की कॉलोनी सेल के अधिकारी, सारथी, वैभव लक्ष्मी, टेलीकॉम, हरियाणा संस्था के पदाधिकारी अन्य को भी आरोपी बनाया था । तत्कालीन लोकायुक्त एसपी अरुण मिश्रा द्वारा भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 (1) डी, 13 (2), आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471,406 120 बी के तहत दर्ज किया था ।
रजिस्ट्रियों में था जमीन के कृषि उपयोग का उल्लेख—पुलिस अधिकारियो के मुताबिक वर्ष 2000 में श्रीराम संस्था का पंजीयन सहकारिता विभाग में हुआ था। 6, 7 मार्च 2007 को इसके कथित अध्यक्ष रामसेवक पाल निवासी वीणा नगर ने खजराना ग्राम के विभिन्न सर्वे नंबर की 2.501 और 1.612 हेक्टेयर जमीन दिलीप सिसौदिया निवासी तुकोगंज को बेची थी। दोनों रजिस्ट्रियों में उल्लेख था कि भूमि का उपयोग कृषि है और उस पर कोई निर्माण नहीं है। 13 अप्रैल 2007 को भी रामसेवक ने 2.020 हेक्टेयर जमीन सिसौदिया को बेची। इसकी रजिस्ट्री में भी कृषि भूमि होने का उल्लेख था। दस्तावेज की जांच में पता चला कि तीनों रजिस्ट्रियां 2007 में हुईं, जबकि रामसेवक 6 मार्च 2004 से 15 अक्टूबर 2006 तक श्रीराम संस्था का अध्यक्ष रहा। यानी, उसने अध्यक्ष नहीं होते हुए भी जमीन बेची। पंजीयक कार्यालय के अफसरों ने बिना पड़ताल रजिस्ट्रियां कर भी दीं थी ।
यह है मामला-
देवी अहिल्या श्रमिक कामगार ग्रह निर्माण सहकारी संस्था के पदाधिकारियों द्वारा अयोध्या पुरी कॉलोनी काटी गई थी, जिसमें 306 सदस्य हैं। इसमें अधिकांश को प्लाट मिल चुके हैं। 2006 में संस्था के रणवीर सिंह सूदन ने इस संस्था की जमीन में से 5 एकड़ अन्य कंपनी को बेच दी थी। इस कंपनी के डायरेक्टर दीपक जैन मुद्दा एक अन्य द्वारा जमीन को चार करोड़ ग्रुप में बेच दिया गया था, लेकिन जांच में पैसा संस्था में कोई हिसाब नहीं मिला। इसे लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था।
17 जनवरी बुधवार देर रात 2 बजे को इंदौर में जिला प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में 3,250 करोड़ रुपए की जमीन भूमाफिया से मुक्त कराई गई थी ।इस पुरे मामले में कई गृह निर्माण संस्थाओ के नाम सामने आये थे। उनमे से मजदूर पंचायत गृह निर्माण, देवी अहिल्या गृह निर्माण व हिना पैलेस मजदूर पंचायत गृह देवी अहिल्या गृह निर्माण( अयोध्यापुरी कालोनी) और हिना पैलेस में भी सहित सभी के कर्ता धरता पर FIR दर्ज कराई गई थी ।शहर के 18 भूमाफिया के खिलाफ 2 थानों में छह एफआईआर दर्ज कराई थी ।