मंदिरों से मंच पर आईं अप्सराएं, दीपक महाराज ने कृष्णलीला को मंच पर उतारा, मुख्यमंत्री ने मोबाइल से संबोधित कि

Posted By: Himmat Jaithwar
2/21/2021

47वें खजुराहो नृत्य महोत्सव का शुभारंभ शनिवार की शाम हुआ। समारोह का आगाज भरतनाट्यम नृत्यांगना पद्मश्री गीता चंद्रन ने किया। गीता चंद्रन समूह की नृत्यांगनाएं मंदिरों की अप्सराओं की तरह मोहक मुद्राओं के साथ मंच पर उतरीं। दूसरी प्रस्तुति में कथक नृत्यकार दीपक महाराज ने भगवान कृष्ण की लीलाओं को मंच पर प्रस्तुत किया।

इस मौके पर प्रदेश सरकार की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस बार नृत्य समारोह मंदिर परिसर के अंदर कंदारिया मंदिर और देवी जगदंबा मंदिर के बीच बने विशाल मुक्ताकाशी मंच पर हो रहा है।

नृत्य समारोह की पहली शाम की पहली प्रस्तुति पद्मश्री गीता चंद्रन और समूह की भरतनाट्यम नृत्य के रूप में हुई। कंदारिया महादेव मंदिर और मां जगदंबा मंदिर के प्लेटफॉर्म से मधुर संगीत में नृत्य करते हुए गीता चंद्रन अपने समूह के साथ सीढ़ियां उतरते हुए मुक्ताकाशी मंच पर पहुंचीं तो एक पल को ऐसा लगा जैसे स्वर्ग लोक से अप्सराएं जमीन पर उतर रही हैं। परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। पद्मश्री गीता चंद्रन और समूह ने भरतनाट्यम शैली में अले रिप्पू जाति विस्तारा के अंतर्गत तकनीकी पक्ष और देहसंचालन करते हुए लयात्मक नृत्य पेश किया।

मुख्यमंत्री का रिकार्ड संदेश सुनाया
मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि यह आयोजन खजुराहो ही नहीं पूरे बुंदेलखंड की पहचान बन चुका है। उन्होंने चंदेल कालीन मंदिरों के स्वर्णिम इतिहास और आध्यात्म की बात करते हुए वैदिक पद्धति से जीवन जीने की अपील की।

नृत्य समारोह के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के संदेश का ऑडियो सुनाया गया। इस ऑडियो के माध्यम से मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुझे इस समारोह में आना था। पर विशेष कारणों से नहीं आ पा रहा हूं। मुख्यमंत्री ने पश्चिमी मंदिर समूह परिसर के अंदर नृत्योत्सव के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे सराहनीय कदम बताया।

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि भगवान मतंगेश्वर महाराज की अनुमति से ही उनके मंदिर परिसर में यह आयोजन हो रहा है। उन्होंने पुरातत्व विभाग की निदेशक विद्यावती एवं अधीक्षक सुजीत नयन का आभार व्यक्त किया।

फूड क्रॉफ्ट संस्थान का मंत्री ने किया लोकार्पण
नृत्य समारोह के पहले पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर ने फूड क्राफ्ट्स संस्थान खजुराहो का लोकार्पण किया। संस्थान के प्राचार्य शंभू नाथ गौतम ने इस दौरान मंत्री एवं विशिष्ट अतिथियों को संस्थान एवं छात्र-छात्राओं के संबंध में जानकारी दी। यहां बता दें कि यह संस्कार दो वर्षों से संचालित है।

मुकेश रजक और प्रभात जोशी का हुआ सम्मान
उद्घाटन अवसर राज्य रूपंकर अवार्ड वितरित किए गए। इसमें देवकृष्ण जटाशंकर जोशी पुरस्कार यह अवार्ड मुकेश रजक को दिया और मुकुंद सखाराम भान पुरस्कार प्रभात जोशी को दिया गया। इसी प्रकार सयैद हैदर रजा पुरस्कार ग्वालियर के आलोक शर्मा को दिया गया।

भगवान कृष्ण की छवि को मंच पर उतारा
प्रथम संध्या के दूसरे चरण में कथक नृत्य के विख्यात गुरु पंडित बिरजू महाराज के बेटे एवं शिष्य दीपक महाराज ने उत्तर भारत के राज्य दरबारों में होने वाला कथक नृत्य पेश किया। जो आज शास्त्रीय नृत्यों में सबसे अधिक समझा जाने वाला नृत्य भी है।

दीपक महाराज ने अपने नृत्य की शुरुआत एक श्लोक के साथ शिव वंदना से की। इसके उपरांत उन्होंने लखनऊ घराने के लोकप्रिय थाट, उठान, पद संचालन पर तिहाई टुकड़े आदि पर पारंपरिक शैली में नृत्य पेश किया। उन्होंने अपने नृत्य की प्रस्तुति घुंघरुओं और तबले की जुगल बंदी के तहत दी।

उनका नृत्य देख परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। दीपक महाराज ने बिंदादीन महाराज की 5 हजार रचनाओं में से जब एक रचना- ‘श्याम छवि अति बनी, मुकुट माथे धरे, भाल केशर तिलक फिरत मन चित बन बनी’ पर लयात्मक कथक नृत्य किया तो दर्शक मंत्र मुग्ध हो गए।



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