सीधी बस हादसे में नहर में बहे कुकरीझर निवासी अरविंद विश्वकर्मा (22) का भी शव पांचवें दिन मिल गया। शनिवार की दोपहर करीब 1:00 बजे गोविंदगढ़ थाने के अमिलकी गांव के पास नहर में शव मिला। गोताखोरों की टीम ने शव को बाहर निकलवाया है, जिसे पोस्टमार्टम के लिए रामपुर नैकिन भिजवा दिया गया। आखिरी शव मिलने के बाद अब सर्च ऑपरेशन भी बंद कर दिया गया है। हादसे में मरने वालों की संख्या अब 54 हो गई है।जबलपुर NDRF और SDRF की टीमों ने शनिवार सुबह से ही सुरंग में सर्चिंग अभियान शुरू किया था। इससे पहले शुक्रवार को भी सुरंग में सर्चिंग अभियान चलाया गया था। अरविंद की इसी साल शादी होनी थी।
कुकरीझर निवासी अरविंद की तलाश के लिए रेस्क्यू टीम को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। शुक्रवार को टनल में पानी के प्रेशर के बाद जहां दो युवकों के शव मिले थे। इसलिए टीम को उम्मीद थी कि अरविंद की बॉडी भी यहीं पर मिलेगी। टीम ने इस बार कांटा भी डाला था, जिससे शव गहराई में फंसे होने पर मिल जाए।
सुबह से अब तक तीन बार सुरंग में हो चुकी है तलाश।
बुआ की बेटी को परीक्षा दिलाने निकला था अरविंद
कुकरीझर निवासी अरविंद बोदरहवा सिहावल निवासी अपनी बुआ की बेटी यशोदा विश्वकर्मा को एएनएम की परीक्षा दिलाने के लिए हादसे वाली बस में सवार हुआ था। घटना में यशोदा की भी माैत हो गई थी। उसका शव 16 फरवरी को ही मिल गया था।
बस हादसे में लापता अरविंद का पांचवें दिन भी पता नहीं।
चार भाइयों में सबसे बड़ा है अरविंद, इस साल थी शादी
पिता विश्वनाथ और मां आशा विश्वकर्मा के चार संतानों में अरविंद सबसे बड़ा है। पिता जहां खड़वा में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हैं। वहीं अरविंद सीधी में कंप्यूटर का ऑनलाइन काम करता है। तीन भाई अभी पढ़ाई कर रहे हैं। हादसे के बाद उसके लापता होने के बाद से परिजनों का एक-एक पल रोते-बिलखते हुए गुजर रहा है। मां आशा बेटे के लापता होने के बाद से ही बदहवास सी हो गई है। खंडवा से पिता भी लौट आए हैं। परिवार पिछले पांच दिनों से बघवार से छुहिया टनल तक इस उम्मीद में जा रहा है कि शायद आज उनका इंतजार पूरा हो जाए। इसी साल अरविंद की शादी होनी थी।
सीधी बस हादसे का गहरा है ये जख्म
16 फरवरी को सीधी से जबलनाथ परिहार की 32 सीटर बस एमपी 19 पी 1882 सुबह पांच बजे के लगभग सतना के लिए रवाना हुई थी। बस में सीधी, सिंगरौली जिले के कुल 63 यात्री सवार थे। इसमें अधिकतर युवतियां एएनएम की परीक्षा देने सतना जा रही थीं। इन युवतियों के साथ उनके भाई, पिता और रिश्तेदार थे। बस को छुहिया घाटी में चार दिन से लगे जाम के चलते पुलिस ने बघवार से जिगिना नहर रोड पर डायवर्ट कर दिया था। इसी दौरान बस हादसे का शिकार हो गई।