चेन्नई के एक प्रतिष्ठित CBSE स्कूल का अंग्रेजी का एक क्वेश्चन पेपर विवादों में आ गया है, जिसमें गणतंत्र दिवस पर हुई ट्रैक्टर रैली के दौरान कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों को 'हिंसक' और 'उपद्रवी' कहा गया है. कक्षा 10वीं की अंग्रेजी भाषा और साहित्य के पेपर में 'लेटर टू एडिटर' फॉर्मेट में लिखे सवाल में प्रदर्शनकारियों को 'violent maniacs' (हिंसक उन्मादी) कहा गया है. पेपर में गणतंत्र दिवस की घटना पर जानकारी देने के बाद छात्रों से इस संबंध में अपने विचार भी मांगे गए.
परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित की गई है जिसमें छात्रों ने उपद्रवियों से निपटने के सुझाव पूछे गए हैं. सवाल पूछा गया कि ऐसे हिंसक उपद्रवियों को कैसे विफल किया जाए जो बाहरी ताकतों के प्रभाव में आकर कार्य करते हैं.
प्रश्नपत्र में कहा गया, "अपने शहर के एक दैनिक समाचार पत्र के संपादक को एक पत्र लिखें, और बदमाशों के ऐसे भयानक, हिंसक कृत्यों की निंदा करें जो यह समझने में विफल रहते हैं कि देश व्यक्तिगत लाभ से पहले आता है. सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करना, राष्ट्रीय ध्वज को अपमानित करना और पुलिस कर्मियों पर हमला करना कुछ ऐसे अपराध हैं, जिन्हें किसी भी कारण से उचित नहीं ठहराया जा सकता है."
राजधानी दिल्ली में बीते गणतंत्र दिवस को कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने ट्रैक्टर रैली आयोजित की थी. इसी दौरान स्थिति बेकाबू हो गई थी और कई जगहों पर हिंसा भी फैल गई. दर्शन पाल, योगेन्द्र यादव समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई थी. किसानों का प्रदर्शन इसके बावजूद भी जारी है और 18 फरवरी को रेल रोककर भी प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध दर्ज किया है.