निपाह और जीका जैसे वायरस से निपटने के बाद कोरोना से जंग में भी केरल मॉडल सबसे कारगर साबित हो रहा है। कुछ दिनों पहले तक सबसे अधिक मामलों से जूझ रहे राज्य ने संक्रमण की दर पर तेजी से काबू पाया है। 30 मार्च को केरल में कोरोना के 222 मामले थे, जो 4 अप्रैल तक 295 पर ही पहुंच सके। जबकि इस दौरान कुछ राज्यों में मामले दो से छह गुना तक बढ़ गए।
विशेषज्ञ बताते हैं कि केरल सरकार ने पहला मामला आने से पहले ही 26 जनवरी को कोरोना से निपटने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया था। क्वारंटाइन से लेकर आइसोलेशन और कांटेक्ट खोजने के काम के लिए 18 समितियों का गठन कर दिया था। देश में पहला मामला 30 जनवरी को केरल में आया और एक-एक करके कुल तीन हो गए। ये तीनों ही फरवरी में स्वस्थ हो गए। इसके बावजूद केरल सरकार ने सतर्कता में कमी नही आने दी।
जांच में भी केरल आगे है। पूरे देश में शुक्रवार तक 66 हजार जांच हुई इसमें से 10 हजार जांच अकेले केरल में हुई है। वहीं केरल पुणे की एक निजी लैब से रैपिड-पीसीआर किट खरीदने वाला देश का पहला राज्य है। केरल के अलावा गुजरात और कर्नाटक ने भी संक्रमण को रोकने में काफी हद तक सफलता हासिल की है।
हाथ धोने की आदत
साबुन से हाथ दोने की आदत डालने केलिे सरकार ने ब्रेक द चेन कैंपने की शुरुआत की। इसमें लोगों को दिन में कई बार साबुन से हाथ धोने को कहा गया। सरकार ने सार्वजिनि सत्थानों पर वॉश बेसिन लगवाए।
अस्पतालों से जुड़े हवाईअड्डे
केरल के सभी हवाईअड्डों को जिला अस्पतालों क आपातकालीन कार्य सेवा से जोड़ा गया है। किसी भी यात्री को बुखार या कोरोना के लक्षण दिखने पर उसे हवाईतुरंत हवाईअड्डे से अस्पताल भेज दिया जाता है।
रक्तदान पर सख्ती
ब्लकबैंकों में कोरोना वायरस से संक्रमण को रोकने के लिए रक्त दान करने वालों को कई बार स्क्रीनिंग की जा रही है। सभी जिला प्रशासन को विदेश से लौटे लोगों को रक्तदान पर रोक लगाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
बिना जांच प्रवेश नहीं
सड़क मार्ग से राज्य में आने वाले लोगों की जांच के लिए डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों को लगाय गया है। यात्रियों के शरीर का तापमान जांचने के साथ ही उन्हें वायरस को रोकने के उपायों के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है।
प्रबंधन में भी उदाहरण पेश किया
सोशल मीडिया पर इन कदमों ने तारीफ बटोरी
केरल ने मिड डे मील बच्चों तक पहुंचाने की मुहिम 15 मार्च से शुरू की।
ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा की 30 से 40 फीसदी गति बढ़ाने का नियम लागू कराया।
एक लाख 70 हजार से अधिक लोगों को घरों में क्वारंटाइन करके रखा।
संदिग्धों या विदेशों से आए लोगों को 14 दिन की बजाय 28 दिन क्वारंटाइन में रखा ताकि मरीजों की पहचान हो।
कलेक्टर के प्रयास से कोरोना के 13 मामले रह गए
कोरोना के मामले रोज बढ़ने से आज पूरी दुनिया डरी हुई है। ऐसे में एक अच्छी खबर केरल के पथनमथिट्टा जिले से आई है। जिला कलेक्टर पीबी नूह के प्रयास से यहां कोरोना के मामले अब घटकर 13 रह गए हैं। प्रसिद्ध सबरीमामला मंदिर के लिए प्रख्यात पथनमथिट्टा में इटली से आए एक परिवार से संक्रमण फैला था। मुख्यमंत्री पिनराई विजय के मुताबिक, पथनमथिट्टा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की हॉटस्पॉट लिस्ट में था लेकिन नूह के प्रयासों ने जिले का नाम लिस्ट से हटा दिया।