भोपाल के हनुमानगंज थाने क्षेत्र में RSS के सामने वाली करीब 37 हजार वर्ग फीट के कब्जे के विवाद के कारण अब 300 से ज्यादा परिवारों पर संकट खड़ा हो गया है। हाई कोर्ट के इस मामले में पूरी 6.51 एकड़ जमीन पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद संघ कार्यालय (RSS) केशव निडम भवन तक इसकी जद में आ गया है। अब जो जैसा है वैसा ही रहेगा।
वकील जगदीश छावानी ने बताया कि ऐसे में यहां अगले आदेश तक न तो कोई अपनी जमीन या मकान बेच सकता है और न ही यहां कोई खरीद सकता है। यहां तक की न तो नया निर्माण या पुराना निर्माण ही तोड़ा जा सकता है। इसका असर राजदेव कॉलोनी के साथ ही न्यू सिंधी कॉलोनी, शांति नगर, काजी कैंप और कबाड़ खाने में रहने वाले लोगों पर होगा।
इन कालोनियों पर पड़ा असर।
रहवासियों के पास यह रास्त
छावानी ने बताया कि इसको लेकर उन्होंने कोर्ट में एक आवेदन लगाकर यहां रहने वालों को पक्षकार बनाने की मांग की थी। इस पर याचिकर्ता मोहम्मद सुलेमान ने कहा था कि उन्हें किसी के पक्षकार बनने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वे खुद किसी को पक्ष नहीं बनाएंगे।
इसके बाद कोर्ट में याचिका खारिज कर दी। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अगली सुनवाई तक यहां पर कुछ भी नहीं हो सकेगा। यह कॉलोनियां सबसे पुरानी हैं। ऐसे में 50% से ज्यादा लोगों के पास तो जरूरी कागजात ही नहीं होंगे, लेकिन वह इस मामले में याचिकाकर्ता बन सकते हैं। वे भी कोर्ट जा सकते हैं।
इस कारण बढ़ता गया विवाद
छावानी ने बताया कि संघ कार्यालय केशव निडम के सामने स्थित 37 हजार वर्गफीट समेत सिंधी कॉलोनी और काजी कैंप सहित आसपास की 6.5 एकड़ जमीन का मामला वक्फ ट्रिब्यूनल में चल रहा है। इसमें मोहम्मद सुलेमान और मोहम्मद इमरान याचिकाकर्ता हैं।
इसमें से हाई कोर्ट 37 हजार वर्ग फीट की जमीन पर राजदेव सोसाइटी को कब्जा दे चुकी है। इसके बाद उन्होंने इस मामले में विधायक आरिफ अकील का शपथ पत्र प्रस्तुत कर दिया था। इसमें अकील ने इस पूरे क्षेत्र में कब्रिस्तान होने की बात कही है। उन्होंने शपथ पत्र में कहा कि 37 हजार वर्गफीट का कब्जा गैर कानूनी तरीके से राजदेव ट्रस्ट को सौंपा गया।
दावा किया कि उन्हें प्रशासन ने स्थल पर जाने से रोका। इससे पहले हाई कोर्ट ने यह जमीन राजदेव ट्रस्ट को सौंपने के आदेश दे चुका था। इसके बाद भोपाल में तीन थाना क्षेत्रों में 17 जनवरी को कर्फ्यू और 11 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लगाकर इस जमीन को राजदेव ट्रस्ट के कब्जे में दी जा चुकी है। जमीन के चारों तरफ दीवार उठा दी गई है।