सीधी बस हादसे के 4 दिन बाद सरकार जागी। गुरुवार को प्रदेशभर में यात्री बसों की औचक जांच की गई। 600 से ज्यादा बसों की जांच हुई। भोपाल, मुरैना आदि जिलों के ग्रामीण हिस्सों में चलने वालीं ज्यादातर बसें कंडम हालत में मिलीं। किसी में इमरजेंसी गेट नहीं था, तो किसी की फिटनेस खराब थी। टायर घिर चुके थे और खिड़कियाें में कांच नहीं थे। ऐसी करीब 50 बसें जब्त कर ली गईं। 20 से ज्यादा के परमिट निरस्त किए। हादसे के पहले दिन शारदा पटना गांव नहीं गए परिवहन मंत्री गोविंदसिंह राजपूत भी भोपाल में सड़कों पर उतरे।
एक बस में उन्हें फर्स्ट एड बॉक्स खाली मिला तो एक में एक्सपायरी दवाएं मिलीं। एक में आग बुझाने वाली मशीन पूरी खाली मिली। एक बस का इमरजेंसी गेट रस्सी से बंधा था। उन्होंने चार कंडम बसों का फिटनेस निरस्त कर दिया, एक का कैंसिल किया। जबकि एक बस बिना परमिट की मिली, जिसे थाने भिजवाया। एक बस में ड्राइवर और कंडक्टर के पास लाइसेंस नहीं था। आठ बसें जब्त की गईं। कुछ पर जुर्माना लगाकर छोड़ दिया।
अब घाटों, दुर्गम रास्तों और खराब सड़कों का सर्वे होगा
सरकार प्रदेश में घाटों, दुर्गम रास्तों और खराब सड़कों का सर्वे कराएगी। दुर्घटना संभावित पाइंट को चिह्नित कर दुरुस्त करेगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्च स्तरीय बैठक में लिए।
रेस्क्यू ऑपरेशन : नहीं मिले 3 लापता, सेना को बुलाया
सीधी | शारदा पटना गांव में गुरुवार को तीसरे दिन भी 3 लापता यात्रियों की तलाश जारी रही। कलेक्टर आरके चौधरी ने बताया कि एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ के दल ने बाणसागर नहर की 3 किमी लंबी टनल का निरीक्षण किया, लेकिन तीनों यात्रियों का कहीं सुराग नहीं मिला। अब यूपी के प्रयागराज से 19वीं इंजीनियरिंग रेजीमेंट का सैन्य दल भी राहत कार्य के लिए बुलाया गया है। यह दल शुक्रवार सुबह 6 बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू करेगा। वहीं, नहर के झिन्ना गेट से टनल पर 90 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जाएगा। टनल में अभी 4 मीटर पानी है। दो राउंड की सर्चिंग में यात्रियों का कोई सुराग नहीं मिला है।