हादसे के बाद मंगलवार देर रात चालू हो पाया आवागमन, इसी जाम से बचने के लिए बस ड्राइवर ने बदला था रूट

Posted By: Himmat Jaithwar
2/17/2021

सीधी के रामपुर नैकिया में हुए बस हादसे ने जिम्मेदारों की पोल खोल दी है। पिछले पांच दिनों से छुहिया घाटी पर यातायात जाम में फंसा था। यही कारण था कि ड्राइवर यात्री बसों को नहर की सड़क से बिजौरी होकर निकाल रहे थे। मंगलवार को हादसे के बाद देर रात इस रोड से आवागमन शुरू हो पाया। 10 किमी की छुहिया घाटी रोड में पांच किमी की खड़ी चढ़ाई और फिर इतना ही ढलान है। पहाड़ी पर होने के चलते यहां कई खतरनाक मोड़ हैं। रास्ते में दो ट्रक खराब होने से जाम की स्थिति बनी थी।

छुहिया घाटी में पांच दिन से लगा था जाम, हादसे के बाद खुला।
छुहिया घाटी में पांच दिन से लगा था जाम, हादसे के बाद खुला।

हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए पूछा कि छुहिया घाटी पर लगा जाम समाप्त करने के लिए स्थानीय पुलिस या चौकी के लोग क्या कर रहे थे? आखिर उनके अपने चले गए, तब कहीं जाकर यह जाम समाप्त हो पाया। पिछले पांच दिनों से जाम के चलते ही बस ड्राइवर नहर रूट से निकल रहे थे।

हादसे की एक वजह ब्रेकर भी
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जहां हादसा हुआ। वहां एक ब्रेकर पड़ता है। हादसे से पहले ड्राइवर के मोबाइल पर कॉल आया था। एक हाथ से मोबाइल और एक हाथ से स्टेयरिंग संभाल रहा था। इसी के चलते ब्रेकर पर संतुलन बिगड़ गया और बस नहर में समा गई। मंगलवार सुबह 7.35 बजे हुए इस हादसे की खबर आठ बजे उनके परिजनों तक पहुंच गई, पर अमले को मौके पर पहुंचने में एक घंटे लग गए।

जबलपुर से आई एसडीआरएफ की टीम ने बस को ढूंढा।
जबलपुर से आई एसडीआरएफ की टीम ने बस को ढूंढा।

प्रशिक्षण के लिए सीधी आई थी एसडीआरएफ की टीम
जबलपुर स्थित स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) 12 लोगों की एक टुकड़ी सीधी में सोमवार को ही प्रशिक्षण देने आई थी। ये संयोग ही था कि हादसे के वक्त सीधी में एसडीआरएफ की टीम मौजूद थी। हादसे के एक घंटे के अंदर ही टीम पहुंच गई। तब जाकर नहर में डूब चुकी बस की लोकेशन का पता चला। इससे पहले गोताखोर बस की गहराई तक पहुंच ही नहीं पा रहे थे।



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