सीधी बस हादसे में लाशों के मिलने का सिलसिला दूसरे दिन भी नहीं थमा। बस में बैठी 5 महीने की मासूम शुभी उर्फ सौम्या अपनी मां के आंचल से छूट गई थी जो पानी की बहाव के साथ पत्ते की तरह बहती चली गई। 24 घंटे बाद उसका शव जिले की सरहद से 22 किलोमीटर दूर रीवा के गोविदंगढ़ के पास मिला। हादसे के दौरान मां और माैसी की लाश मंगलवार को ही बस से मिली थी। बुधवार सुबह 6 बजे से ही सर्चिंग ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था। दोपहर 12: 30 बजे तक कुल चार शव मिले हैं। अब तक कुल मृतकों की संख्या 51 हो चुकी है।
बाणसागर नहर में रेस्क्यू करते हुए एनडीआरएफ की टीम।
बंडेवा थाना चितरंगी (सीधी) निवासी हरिप्रताप गौड़ की शादी दो साल पहले सोमबाई गौड़ (24) से हुई थी। हरिप्रताप आंध्रप्रदेश में नौकरी करता है। पत्नी सोमबाई की सतना में मंगलवार को एएनएम की परीक्षा थी। इकलौती बेटी शुभी उर्फ सौम्या (5 माह) और ममेरी बहन आशा गौड़ के साथ वह सुबह 5.30 बजे बस में सवार हुई थी। हादसे में सोमबाई और आशा गौड़ जहां बस में ही फंसे रहे, वहीं शुभी हाथ से छूटकर पानी में बह गई।
दो लाश घर में हैं, मासमू शुभी की लाश मिलने के इंतजार करते परिजन। दोपहर में शव मिला।
24 घंटे बाद 22 किमी दूर मिली मासूम की लाश
वहीं, मासूम शुभी नहर के तेज बहाव की चपेट में आ गई। 24 घंटे बाद मासूम का शव घटनास्थल से 22 किमी दूर रीवा जिले के गोविंदगढ़ में एनडीआरएफ की टीम ने बरामद किया। परिवारजन दोनों महिलाओं का शव घर में रखकर मासूम शुभी के मिलने के इंतजार में रामपुर नैकिन में माैजूद हैं। अभी शव का पीएम तक नहीं हो पाया है।
रामपुर नैकिन निवासी पिंकी गुप्ता और दो साल का अथर्व की भी मौत हो गई।
हादसे में मां-बेटे की भी हुई है मौत
इसी तरह, रामपुर नैकिन निवासी पिंकी गुप्ता और उनके दो साल के बेटे अथर्व की भी मौत हो गई थी। मां-बेटे का अंतिम शव यात्रा बुधवार को घर से निकली, तो हर आंख नम हो गई। हादसे में परिवार के सुरेश गुप्ता किसी तरह तैर कर किनारे आ गए थे और वहां मौजूद शिवरानी ने बचाया था। बता दें कि सीधी से 32 सीटर बस सवारी लेकर सतना जा रही थी। बस में अधिकतर एएनएम की परीक्षा देने वाली युवतियां और उनके अभिभावक थे। सरदा पटना नहर के पास बस 35 फीट गहरे नहर में गिर गई थी।