सीधी। मेरा नर्सिंग का पेपर था। 12 बजे तक सतना में परीक्षा सेंटर पहुंचना था। मां के साथ सुबह 7 बजे बस में सवार हुई। मां कंडक्टर सीट के पीछे बैठी थी, जबकि भीड़ होने के कारण मैं दरवाजे के पास खड़ी थी। ओवरलोड होने के बाद भी ड्राइवर फुल स्पीड में बस चला रहा था।
ठीक 35 मिनट बाद जोरदार झटका लगा और बस सरदा पटना नहर में गिर गई। बस दो से तीन बार पलटी, जिसके कारण मैं दरवाजे से बाहर फेंकाकर पानी में गिर गई। थोड़ा बहुत तैरना जानती थी। हाथ-पैर चलाने लगी तो कुछ लोगों ने रस्सी फेंककर मुझे किनारे लगा लिया, लेकिन मेरी आंखों के सामने मां डूब गई। ये बात बस में सवार रामपुर नैकिन की स्वर्णलता द्विवेदी (24) ने भास्कर को बताई।
स्वर्णलता रामपुर नैकिन के वार्ड नंबर 12 में रहती हैं। उनके पिता रामसुमिरन द्विवेदी रिटायर्ड प्रिंसिपल हैं। जिस बस में दोनों मां बेटी सवार हुई थीं। हादसे में मां विमला द्विवेदी (60) की मौत हो गई है। विमला के छह बच्चे, दो बेटे और चार बेटियां हैं। हादसे में अब तक 51 मौतों की पुष्टि हो चुकी है।
किशोरी ने नहर में छलांग लगाकर सुरेश को बचाया, बहू और पोता नहीं बच सके
रामपुर नैकिन के वार्ड नंबर 7 में रहने वाले सुरेश गुप्ता की बहू पिंकी (24) और दो वर्षीय पोता अथर्व भी हादसे में डूब गए। तीनों पिंकी की दादी के गंगाजली कार्यक्रम में शामिल होने नागौद जा रहे थे। हादसे के वक्त सुरेश भी बस के साथ डूबने लगे थे। किसी तरह बस से निकले तो नहर में बहकर 500 मीटर आगे चले गए।
हाथ-पैर चलाकर किसी तरह किनारे की तरफ बढ़ने लगे, लेकिन उनकी हिम्मत जवाब देने लगी। उनकी सांस उखड़ रही थी कि नहर किनारे खड़ी शिवरानी लुनिया नाम की लड़की हौसला बढ़ाती रही। हिम्मत टूटने ही वाली थी कि किशोरी ने छलांग लगा दी और हाथ पकड़ कर मुझे किनारे लगा दिया। सुरेश बिजली विभाग से रिटायर्ड हैं।
कुछ दिन पहले पिंकी गुप्ता की दादी का देहांत हो गया था, वह अपने बच्चे और ससुर के साथ दादी के गंगाजली कार्यक्रम में जा रही थी। (फाइल फोटो- पिंकी गुप्ता)
हादसे के बाद सुरेश गुप्ता किसी तरह बस से बाहर निकलने में कामयाब हो गए। वो नहर में 500 मीटर तक बहते चले गए। एक किशोरी ने उनकी जान बचाई।
पोते का शव देखकर दादी का हुआ बुरा हाल, इकलौता बेटा था
पत्नी और बेटा खोने वाले अनिल गुप्ता ने बताया कि तीन साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। उन्हें नहीं पता था कि उनका बेटा और पत्नी उनसे इतनी दूर चले जाएंगे। अथर्व उनका इकलौता बेटा था। अथर्व के शव पर बिलखती दादी रामरती के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। बुधवार को मां-बेटे का अंतिम संस्कार किया जाना है।
हादसे ने अनिल गुप्ता से एक साथ उनकी बीवी और बच्चे को छीन लिया। उनके आंगन में अब अथर्व की खिलखिलाहट सुनाई नहीं देगी।
किराएदार को परीक्षा दिलाने ले जा रहे मकान मालिक की डूबकर मौत
इटमा सिंगरौली की रहने वाली अर्चना जायसवाल (23) भी इस हादसे का शिकार हुई हैं। वे रामपुर नैकिन अस्पताल में भर्ती हैं। अर्चना एएनएम (ऑक्सिलरी नर्स मिडवाइफरी) की परीक्षा देने जा रहीं थीं। उनके साथ उनके मकान मालिक रिटायर्ड अध्यापक डॉक्टर हीरालाल शर्मा (60) भी थे। अर्चना के मुताबिक हादसे ने डॉक्टर हीरालाल शर्मा को छीन लिया। उनका शव बस में मिला।
एएनएम की परीक्षा देने जा रही अर्चना जायसवाल के सामने ही उसके मकान मालिक की डूबकर दर्दनाक मौत हो गई।
बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन तेज बहाव में बह गया भाई
सीधी के कुसमी दुआरी में रहने वाली विभा प्रजापति (21) का भाई दीपेश (20) हादसे के बाद से लापता है। उसकी तलाश जारी है। विभा ने अपने भाई दीपेश की कलाई पकड़ी थी, लेकिन पानी के बहाव में हाथ छूट गया। विभा के मुताबिक उसने भाई को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहर के बहाव में बह गया।
विभा से एक साल छोटे भाई दीपेश की कलाई विभा कसकर पकड़ी हुई थी, लेकिन बहाव इतना तेज था कि उसका हाथ छूट गया।
सीधी बस हादसे में बहने वाला दीपेश (20) अपनी बहन के साथ बस में सवार था, उसकी तलाश फिलहाल जारी है।