भोपाल पुलिस के ये 12 बाउंसर्स किसी भी कानून व्यवस्था ड्यूटी के दौरान भीड़ नियंत्रण के लिए सबसे आगे खड़े होते हैं। किसी वीआईपी का सुरक्षा घेरा भी इन्हीं से बनता है। भोपाल पुलिस ने इन्हें ऐसी ही ड्यूटी के लिए तैयार किया है। सबसे आगे खड़े होने से भीड़ पर मनोवैज्ञानिक दबाव रहता है और हालात काबू में बने रहते हैं। भोपाल पुलिस जल्द ही इनकी संख्या बढ़ाकर 20 करने जा रही है। सितंबर 2019 में भोपाल पुलिस में पदस्थ ऐसे जवानों की तलाश शुरू हुई थी।
देखा गया कि पुलिसिंग के साथ-साथ ऐसे कौन-कौन से सिपाही हैं, जो शारीरिक तौर पर पुलिस के लिए बॉडी बिल्डर भी बन सकते हैं। धीरे-धीरे ऐसे 20 सिपाहियों को चुना गया, लेकिन ट्रांसफर होने के कारण फिलहाल 12 ही सिपाही भोपाल पुलिस के पास बचे हैं। डीआईजी इरशाद वली ने बताया कि ऐसी कद काठी के जवानों को क्राउड कंट्रोल और वीआईपी सुरक्षा के दौरान इस्तेमाल किया जाता है। जल्द ही इनकी संख्या दोबारा 20 तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, ताकि एक दिन में कई कानून व्यवस्था ड्यूटी में तैनात कर सकें।
टीम को पुलिस लाइन के सिपाही मोतीलाल दायमा लीड करते हैं
टीम में यह शामिल: इस टीम को भोपाल पुलिस लाइन के सिपाही मोतीलाल दायमा लीड करते हैं। टीम में खजान सिंह, भीम शंकर, धनंजय भदौरिया, मिथुन धनगर, वैभव तिवारी, राहुल कोरी, आशीष हिंडोलिया, सौरभ वर्मा, अजीत राई, राजेंद्र हिंडोलिया और पंकज उइके शामिल हैं।
पुलिस लाइन में बना है जिम
6 घंटे करते हैं वर्जिश और लेते हैं हैवी डाइट
टीम के सभी सदस्यों को रोज 500 किग्रा चिकन, 250 ग्राम मछली और 5 अंडे खाने के लिए दिए जाते हैं। इसका इंतजाम भोपाल पुलिस ही करती है। पुलिस लाइन में बने जिम में रोजाना 5-6 घंटे की वर्जिश भी इन्हें करनी होती है।
260 किग्रा का स्कॉड लगाते हैं दायमा
मोतीलाल दायमा, खजान, भीम और धनंजय भोपाल पुलिस के लिए बॉडी बिल्डिंग की भी तैयारी करते हैं। इनमें मोतीलाल 260 किग्रा, भीम 250 किग्रा, खजान 210 किग्रा और धनंजय 170 किग्रा का स्कॉड लगाते हैं।
दूसरे जिलों में नहीं है ये व्यवस्था
अभी भोपाल पुलिस के पास ही ऐसा स्क्वाड है। अन्य जिलों में बॉडी बिल्डिंग के लिए सिपाहियों को तैयार किया जाता है, लेकिन उनकी इस प्रकार की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है।