RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया, GDP में 10.5% की ग्रोथ का अनुमान

Posted By: Himmat Jaithwar
2/5/2021

मुम्बई। अगर आपने होम लोन, ऑटो लोन या किसी भी तरह का लोन लिया है तो यह अभी सस्ता नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि रिजर्व बैंक ने अपनी पॉलिसी कमिटी की बैठक में रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 4% और रिवर्स रेपो रेट को 3.35% बरकरार रखा है।

6 सदस्यों वाली कमेटी ने दरों को स्थिर रखने पर दिया वोट

रिजर्व बैंक हर दो महीने में दरों को बदलने या न बदलने के बारे में मीटिंग करता है। इसमें उसकी 6 लोगों की टीम होती है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2021-22 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 10.5% की ग्रोथ का अनुमान जताया है। MPC की बैठक बुधवार 3 फरवरी से शुरू हुई थी।

ICICI सिक्योरिटीज की सीनियर इकोनॉमिस्ट अनघा देवधर ने कहा कि MPC का यह निर्णय उम्मीद के मुताबिक रहा। आने वाले दिनों में महंगाई से राहत मिल सकती है। ऐसे में RBI दरों में भी कमी आएगी। कुल मिलाकर MPC का निर्णय विकास और वित्तीय स्थिरता के लिए अच्छा है।

रेपो रेट में अब तक 115 बेसिस पॉइंट की कटौती

जानकारों ने पहले ही उम्मीद जताई थी कि RBI रेपो रेट में कटौती से बचेगा। रेपो रेट का अर्थ RBI द्वारा बैंकों को दिए जाने लोन पर ब्याज दर है। एक फरवरी को पेश बजट 2021-22 के बाद RBI की यह पहली बैठक है। रिजर्व बैंक ने पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में कुल 115 बेसिस पॉइंट की कटौती की है।

रिवर्स रेपो रेट भी स्थिर

MPC ने पिछली 3 बार के बैठकों में प्रमुख नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। मौजूदा समय में रेपो रेट 4% है, जो 15 साल के न्यूनतम स्तर पर है। वहीं, RBI ने रिवर्स रेपो रेट भी 3.35% पर बरकरार रखा है। इसी दर पर बैंक अपने पास जमा रकम को रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं।

ब्याज दरें ऊपर की ओर जा सकती हैं

बता दें कि आने वाले समय में लोन की दरें ऊपर जा सकती हैं। क्योंकि रिजर्व बैंक ने दरों में कमी करने का फैसला रोक रखा है। रिजर्व बैंक अब महंगाई और ग्रोथ पर फोकस कर रहा है। सरकार भी ग्रोथ बढ़ाने पर ही फोकस कर रही है। इस तरह से ग्रोथ बढ़ने पर ब्याज दरों में कमी रुक जाएगी और आगे चलकर इसमें बढ़त हो सकती है। कुछ बैंक के चेयरमैन का मानना है कि मई-जून के बाद ब्याज दरें ऊपर की ओर जा सकती हैं। क्योंकि तब तक आर्थिक स्थिति सही हो सकती है और मांग बढ़ सकती है। कोरोना पर काफी काबू तब तक हो जाएगा। ऐसे में आप अगर लोन लेना चाहते हैं तो यह सस्ते लोन का अंतिम दौर हो सकता है।

घरेलू अर्थव्यस्था पर भरोसा जता रहे विदेशी निवेशक
चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के लिए उपभोक्ता महंगाई दर (CPI) 5.2% रहने का अनुमान जताया गया है। इसका पहले अनुमान 5.8% का था। शक्तिकांता दास ने कहा कि विदेशी निवेशक भारतीय अर्थव्यवस्था पर भरोसा जता रहे हैं। इसका ही नतीजा रहा कि हाल के महीनों में FDI और FPI निवेश का फ्लो लगातार बढ़ा है।



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