यूजर्स की 'जासूसी' करना चाहता था फेसबुक, इजराइल के NSO ग्रुप से मांगी थी मदद

Posted By: Himmat Jaithwar
4/4/2020

नई दिल्ली। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक पर यूजर्स की जासूसी के आरोप पहले भी लगते रहे हैं और एक बार फिर कहा जा रहा है कि फेसबुक ने आईफोन यूजर्स की जासूसी करने की कोशिश की। Motherboard की रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके लिए फेसबुक का रिप्रेजेंटेटिव इजराल के NSO ग्रुप से बात कर रहा था और कंपनी यूजर्स को ट्रैक करने वाला एक सॉफ्टवेयर खरीदना चाहती थी। रिपोर्ट की मानें तो इनमें iPhone और iPad इस्तेमाल करने वाले यूजर्स शामिल थे। यह जानकारी एक कोर्ट फाइलिंग में सामने आई है, जहां फेसबुक ने NSO ग्रुप को चुनौती दी है।

कोर्ट में फाइल किए गए डॉक्यूमेंट्स की मानें तो NSO ग्रुप के सीईओ शालेव हूलियो ने कहा, 'फेसबुक की ओर से दो रिप्रेजेंटेटिव अक्टूबर, 2017 में हमारे पास आए थे और उन्होंने पेगागास सॉफ्टवेयर के कुछ टूल्स इस्तेमाल करने की परमिशन मांगी थी।' याद दिला दें, पेगासस वही सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से वॉट्सऐप हैकिंग की बात कही गई थी। पेगासस सॉफ्टवेयर की मदद से भारत समेत दुनियाभर के प्रभावशाली लोगों के वॉट्सऐप अकाउंट की हैकिंग का मामला पिछले साल सामने आया था। फेसबुक ने इजराइल की फर्म को इसके लिए जिम्मदार ठहराया था।

पेगासस की मदद से जासूसी
डॉक्यूमेंट्स में कहा गया है कि फेसबुक पेगासस को किसी हैकिंग टूल के तौर पर नहीं खरीदना चाहता था, जिसकी मदद से यूजर्स के फोन में ताक-झांक की जा सके। बल्कि फेसबुक इसके कुछ टूल्स की मदद उन यूजर्स के डिवाइस मॉनीटर करने के लिए लेना चाहता था, जिनके फोन में पहले ही Onavo इंस्टॉल था।' Onavo Protect दरअसल स्पाईवेयर-कम-वीपीएन ऐप था, जिसे फेसबुक ने ही तैयार किया था। ऐपल के कहने पर 2018 में फेसबुक से Onavo ऐप्लिकेशन ऐप स्टोर से हटाना पड़ा था।

iPhone यूजर्स की ट्रैकिंग
मदरबोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक पेगासस की मदद iPhone और iPad यूजर्स की जासूसी के लिए करना चाहता था। यह पहले ही साफ है कि ऐंड्रॉयड डिवाइसेज के मुकाबले ऐपल के डिवाइसेज को हैक करना आसान नहीं होता और ये ज्यादा सिक्यॉर होते हैं। कोर्ट फाइलिंग में कहा गया है कि इसके बदले फेसबुक ISO ग्रुप को पेमेंट भी करने की बात कर रहा था। कंपनी उन यूजर्स की जासूसी करना चाहती थी, जिनके डिवाइस में Onavo ऐप इंस्टॉल था। वहीं, फेसबुक ने कहा कि NSO ग्रुप कोर्ट का ध्यान मौजूदा वॉट्सऐप हैकिंग मामले से भटका रहा है।



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