जबलपुर। आठ जिलों में फर्जी बही बनाकर जमानत कराने वाले गिरोह का गुरुवार को हनुमानताल पुलिस ने भंडाफोड़ किया। आरोपी एक से डेढ़ हजार रुपए में बही और आधार कार्ड तैयार करते थे। इसके बाद वे पांच से दस हजार रुपए लेकर जमानत कराते थे। ये गैंग पिछले 13 सालों से सक्रिय था। आरोपियों में पिता-पुत्र व समधन सहित कुल पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वहीं एक फरार है। जबकि एक आरोपी मारपीट के मामले में दो महीने पहले गिरफ्तार होकर जेल में है।
बेटे और समधन के साथ मिलकर चला रहा था गैंग
जानकारी के अनुसार मामले में हनुमानताल पुलिस ने गाजीनगर निवासी शातिर बदमाश मुन्ना उर्फ शौकत अली, उसके बेटे सद्दाम, समधन सलमा और 50 प्रतिशत के पार्टनर पप्पू दाहिया सहित एक अन्य को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक आरोपी मुन्ना का बेटा बबुआ फरार है। वहीं उसका साला अशफाक मारपीट के मामले में दो महीने से जेल में है।
आरोपियों के पास से जब्त फर्जी बही और अन्य दस्तावेज
मुन्ना व सलमा की थी पुलिस को तलाश
सीएसपी गोहलपुर अखिलेश गौर ने बताया कि मुन्ना उर्फ शौकत गोहलपुर थाने का निगरानी बदमाश है। सिविल लाइंस पुलिस ने इसे फर्जी जमानत मामले में 2015 में गिरफ्तार किया था। नरसिंहपुर काेतवाली में भी इसके खिलाफ 2017 में एक प्रकरण दर्ज है। इस मामले में ये फरार चल रहा है। वहीं सलमा के खिलाफ 2018 में सिविल लाइंस और 2020 में ओमती में फर्जी बही लगाकर जमानत कराने का प्रकरण कोर्ट के आदेश पर दर्ज है। दोनों ही प्रकरण में वह फरार चल रही है। सिविल लाइंस मामले में तीन तो ओमती के प्रकरण में उस पर चार हजार रुपए का इनाम घोषित है।
13 साल से फर्जी जमानत कराने का खेल
एएसपी अमित कुमार ने बताया कि ये गैंग 13 साल से फर्जी बही तैयार कर जमानत करा रहा था। गिरोह के पास से तेंदूखेड़ा दमोह, कटनी, इटारसी, नरसिंहपुर, मंडला, जबलपुर, सतना, रीवा जिले के कुल आठ तहसील और तहसीलदारों के नाम की सील जब्त हुई है। वहीं बड़ी मात्रा में फर्जी बही जब्त हुई है। फर्जी बही तैयार करने का काम पप्पू दाहिया करता था। वहीं आधार कार्ड एक फोटो कापी दुकान का संचालक उपलब्ध कराता था। आरोपी किसी के भी नाम के खसरे का रिकार्ड निकलवा कर उसकी फर्जी बही बनाते थे। फोटो इसमें मुन्ना, सलमा और उसके बेटों सहित अन्य का लगाकर कोर्ट में जमानत कराते थे।
कोर्ट के कुछ वकील और बाबुओं की सांठगांठ
प्रारम्भिक जांच में सामने आया है कि इस खेल में कोर्ट के कुछ वकील और बाबुओं की सांठगांठ भी है। वे ही जमानत कराने वाले आरोपियों का नाम इस गिरोह को उपलब्ध कराते थे। फिर गैंग फर्जी जमानतदार की व्यवस्था करता था। फर्जी बही लगाकर जमानत कराई जाती थी। आरोपी के अपराध के अनुसार ये गैंग जमानत कराने का पैसा लेती थी। पूछताछ में गिरोह ने पांच से 10 हजार रुपए एक जमानत कराने के एवज में लेने की बात स्वीकार की है। पुलिस मुख्य सरगना मुन्ना उर्फ शाैकत अली और उसकी समधन सलमा को रिमांड पर ले रही है।