उज्जैन। उज्जैन स्मार्ट सिटी योजना के तहत महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार का काम शुरू हो चुका है। परियोजना पूरी होने के बाद महाकालेश्वर मंदिर परिसर का क्षेत्रफल वर्तमान से करीब आठ गुना बड़ा हो जाएगा। अभी मंदिर परिसर 2.82 हेक्टेयर में फैला है। विस्तारित क्षेत्र 20.23 हेेक्टेयर हो जाएगा।
खास है कि 12 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल विकास योजना का निरीक्षण कर अधिकारियों की बैठक ली थी। उन्होंने योजना के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।
परियोजना के पहले चरण में महाकाल प्लाजा, महाकाल कॉरिडोर, मिडवे जोन, महाकाल थीम पार्क, घाट एवं डेक एरिया, नूतन स्कूल कॉम्प्लेक्स, गणेश स्कूल कॉम्प्लेक्स, पार्किंग, धर्मशाला, प्रवचन हॉल व अन्नक्षेत्र का निर्माण होगा।
दूसरे चरण में महाराजवाड़ा, रुद्रसागर जीर्णोद्धार, छोटा रुद्रसागर लेक फ्रंट, रामघाट का सौन्दर्यीकरण, पार्किंग, पर्यटन सूचना केंद्र, हरिफाटक ब्रिज का चौड़ीकरण, रेलवे अंडरपास, रुद्रसागर पर पैदल पुल, महाकाल द्वार, बेगमबाग मार्ग का विकास, रुद्रसागर पश्चिमी मार्ग और महाकाल पहुंच मार्ग का विकास किया जाएगा। परियोजना पूरी होने के बाद सिंहस्थ 2028 में महाकाल मंदिर क्षेत्र एक नए रूप में दिखाई देगा।
चित्रों के माध्यम से जानते हैं कि क्या है महाकाल विकास परियोजना
त्रिवेणी संग्रहालय के पास महाकाल का मुख्य द्वार बन रहा है। यहां से श्रद्धालुओं को सीधे महाकाल मंदिर पहुंचाया जाएगा।
महाकाल विकास योजना के तहत निर्माण कार्य शुरू हो चुके हैं।
त्रिवेणी संग्रहालय और कमल ताल के बीच महाकाल प्लाजा में श्रद्धालुओं के फ्रेश होने का इंतजाम रहेगा।
त्रिवेणी संग्रहालय के पास शिव स्तंभ और कमल तालाब का जीर्णोद्धार हो रहा है।
मिड-वे-जोन में पूजन सामग्री की दुकानें, फूड कोर्ट, लेक व्यू रेस्टोरेंट होंगे।
महाकाल थीम पार्क में महाकालेश्वर की कथाओं वाली म्यूरल वॉल और स्टेप्ड गार्डन होंगे।
रामघाट रंगबिरंगी लाइटों से जगमग होगा।
रुद्रसागर पर 210 मीटर का पैदल पुल बनेगा, जो चारधाम मंदिर से महाकाल मंदिर को सीधे जोड़ेगा।
ये सुविधाएं भी होंगी-
- त्रिवेणी संग्रहालय के पास ही मल्टीलेवल पार्किेंग होगी। जहां एक साथ 350 से अधिक वाहन पार्क हो सकेंगे।
- यहां से पूरे क्षेत्र पर निगरानी के लिए वॉच टॉवर और कंट्रोल रूम होगा।
- 25 फीट ऊंची मूर्तियों के साथ बैठने का स्थान भी होगा।
- यहीं श्रद्धालुओं को बोटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
- महाकाल मंदिर क्षेत्र स्थित घनी आबादी में 16 स्कूल व संस्कृत कॉलेज है। इन्हें यहां से विस्थापित कर नए बन रहे नूतन स्कूल और गणेश स्कूल परिसर में शिफ्ट किया जाएगा। उसके बाद यहां की भूमि को मंदिर प्रबंधन में उपयोग की जाएगी।
- मंदिर के पास बेगमबाग इलाके के 200 अव्यवस्थित मकानों को धतरावदा में विस्थापित कर बहुमंजिला मकानों में शिफ्ट किए जाने की योजना है।
- महाकाल मंदिर विकास योजना के दूसरे चरण में रुद्र सागर का जीर्णोद्धार होगा।
- महाराजवाड़ा परिसर को कुंभ संग्रहालय के रूप में उपयोग किया जाएगा। यहां नक्षत्र वाटिका भी बनेगी।
- महाकाल मंदिर से महाकाल चौराहा तक 24 मीटर चौड़ा मार्ग बनाया जाएगा।
- बड़ा गणेश मंदिर से 24 खंबा माता मंदिर तक 12 मीटर चौड़ा मार्ग होगा।
- महाकाल मंदिर परिसर स्थित अन्नक्षेत्र, प्रवचन हॉल व धर्मशाला को त्रिवेणी संग्रहालय के पास स्थानांतरित किया जाएगा।