भोपाल में बड़े भाई के साथ खेल रही 5 साल की मासूम तीसरी मंजिल की छत पर से नीचे गिर गई। करीब 72 घंटे के बाद आखिरकार उसकी मौत हो गई। हादसे के दौरान छत पर ही मासूम की मां कपड़े उतार रही थी। उन्होंने बच्चों को नीचे जाने के लिए कहा था।
बजरिया थाने के विवेचना अधिकारी राजेंद्र यादव ने बताया कि प्रमोद कुमार साहू प्राइवेट जॉब करते हैं। वे पुरुषोत्तम नगर के सेमरा कला में तीन मंजिला मकान में अपने परिवार के साथ किराए से रहते हैं। उन्होंने बताया कि गत 23 जनवरी की शाम करीब 4 बजे उनकी पत्नी छत पर कपड़े लेने चली गई।
इसी दौरान उनकी 5 साल की बेटी विभा और 8 साल का बेटा भी सीढ़ियां चढ़कर मां के पीछे-पीछे छत पर पहुंच गए। बच्चों को छत पर देख मां ने उन्हें नीचे जाकर खेलने को कहा। इतना कहकर वे तार से कपड़े उतारने लगीं, तभी उन्हें बेटे की चीख सुनाई दी कि विभा नीचे गिर गई। मां भागते हुए नीचे पहुंची और फिर उसे प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया।
छत से गिरने के बाद से ही मासूम को होश नहीं आया था। करीब 3 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद आखिरकार मंगलवार शाम मासूम ने दम तोड़ दिया। पुलिस को घटना की सूचना अस्पताल प्रबंधन से मिली। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
इस कारण हुआ हादसा
विवेचना अधिकार यादव ने बताया कि तीन मंजिला छत की मुंडेर पर दीवार या रेलिंग नहीं लगी है। दोनों बच्चे दौड़ लगाकर खेल रहे थे। ऐसे में आशंका पैर फिसलने के कारण बच्ची के बिल्डिंग के नीचे गिरने की ज्यादा है। वह मकान के अगले हिस्से में गिरी थी। उसके सिर और पेट पर गंभीर चोटें आई थी और हादसे के बाद से ही उसे होश नहीं आया था। डॉक्टरों ने भी मौत का कारण सिर और पेट में गंभीर चोट लगना बताया है।
मां की हालत खराब
घटना के दौरान मासूम की मां छत पर ही थी। बेटे की आवाज सुनकर वह बिल्डिंग से नीचे दौड़ीं। मां पडोसियों की मदद से बेटी को अस्पताल ले गईं। मां 3 दिन तक बेटी के आंख खोलने की उम्मीद लगाई, लेकिन डॉक्टरों के मृत घोषित करने के बाद उनकी हालत भी खराब हो गई। मां का रो-रो कर बुरा हाल है। पुलिस का कहना है कि अभी परिजनों के बयान नहीं हो पाए हैं। कोई कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। कुछ दिनों बाद पूछताछ करने पर ही घटना का सही-सही पता चल पाएगा।