26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा प्रायोजित थी, हिंसा भड़काने में अमित शाह के अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे

Posted By: Himmat Jaithwar
1/27/2021

भोपाल। कांग्रेस सांसद और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने विधायक बेटे जयवर्धन सिंह के साथ मंगलवार को उज्जैन में थे। वो निजी दौरे पर आए थे। यहां उन्होंने विधायक महेश परमार, रामलाल मालवीय, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष अनंत नारायण मीणा के आवास पर दिग्विजय सिंह ने भास्कर से गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के लाल किला में हुई हिंसा पर बात की।

सवाल: दिल्ली हिंसा को लेकर आपकी प्रतिक्रिया?

जवाब: ये हिंसा अमित शाह की ओर से प्रायोजित थी।

सवाल: हिंसा कैसे भड़की?

जवाब: दिल्ली सरकार ने जो रूट तय किया था, उस पर ट्रैक्टर निकलने थे। टिकरी बाॅर्डर, सिंघू और गाजीपुर बाॅर्डर। विवाद केवल गाजीपुर बाॅर्डर पर हुआ। वह भी तब, जब किसानों को तय रूट पर जाने से मना किया गया। उसकी वजह से सारा झगड़ा हुआ।

सवाल: हिंसा के पीछे कौन?

जवाब: झगड़े में 15 लोग पकड़े गए हैं। ये वो लोग हैं, जिनके पास से शासकीय कर्मचारी होने के आईडी कार्ड मिले हैं। उनमें से एक व्यक्ति नरेंद्र मोदी जी के साथ फोटो खिंचवाता है। सांसद और अभिनेता सनी देओल का खास है। ये मेरा आरोप है कि शासन की ओर से हमला प्रायोजित था।

सवाल: शासन का मतलब भाजपा या दिल्ली सरकार?

जवाब: शासन का मतलब अमित शाह। उनके द्वारा ये प्रायोजित था।

सवाल: क्या आपको नहीं लगता कि आंदोलन में बाहरी लोग घुस आए हैं?

जवाब: आंदोलन में न कोई खालिस्तानी है, न कोई पाकिस्तानी। हिंसा में अमित शाह के चुने हुए अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे, जिन्होंने ये सब कुछ किया। एक किसान को पुलिसवालों ने गोली मारी है।

सवाल: ये लोग क्या चाहते हैं कि आंदोलन को खत्म कर दिया जाए?

जवाब: खत्म नहीं सिर्फ बदनाम करना चाहते हैं।

सवाल: इतनी बैठकें हुईं, नतीजा क्यों नहीं निकला?

जवाब: बैठकों का दौर सिर्फ लोगों को थकाने के लिए था। किसी तरह से लोग थक जाएं और आंदोलन खत्म हो जाए।



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