मुंबई. महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है। शनिवार दोपहर तक 47 नए पॉजिटिव केस मिले हैं। इनमें सीआईएसएफ के 11 जवान शामिल हैं। इसके साथ राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या 537 हो गई है। इनमें से 376 अकेले मुंबई शहर में हैं। शुक्रवार को राज्य में 6 कोरोना पीड़ितों ने दम तोड़ दिया था, इसके बाद यहां मरने वालों की संख्या 27 हो गई है। संकट के दौर में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों और अधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में किसी कर्मचारी की मौत हुई तो सरकार उसके परिवार को 50 लाख रुपए की मदद देगी।
संकमण की चेन को तोड़ने के लिए मुंबई में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने हाई रिस्क वाले इलाकों का एक मैप वेबसाइट वेबसाइट पर अपलोड किया। इन इलाकों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मिले हैं। इसमें मालाड, वरली, घाटकोपर, भायखला और शिवाजी नगर गोवंडी शामिल है। इससे पहले बीएमसी ने कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद मुंबई के 200 से ज्यादा इलाकों को पूरी तरह से सील कर दिया था।
धारावी में बड़ी चुनौती बना कोरोना
एशिया की सबसे बड़ी स्लम एरिया धारावी सरकार और बीएमसी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। यहां अब तक तीन कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। 15 लाख की आबादी वाली इस झोपड़पट्टी में एक संक्रमित की मौत हो चुकी है। जो दो संक्रमित हुए हैं उनमें एक डॉक्टर और एक सफाईकर्मी है। ऐसे में संक्रमण रोकने के लिए धारावी के 300 फ्लैट्स और 50 दुकानों को सील किया जा चुका है। जबकि 100 से ज्यादा लोगों को होम क्वारैंटाइन किया गया है। यहां घनी बस्ती है। कई लोगों एक ही शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करा पाना यहां बेहद मुश्किल है।
सीआईएसएफ के 11 जवान कोरोना पॉजिटिव
नवी मुंबई के खारघर में सीआईएसएफ के 6 जवान कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इससे पहले बुधवार को मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात पांच सीआईएसएफ के जवानों में कोरोना का संक्रमण मिला था। इसके बाद यहां सीआईएसएफ के 146 अधिकारियों और कर्मचारियों को हॉस्पिटल में आइसोलेशन में भर्ती कराया गया है।
मुंबई के 20 क्लिनिक को बीएमसी का नोटिस
कोरोना के डर से मुंबई के कई प्राइवेट डॉक्टर्स ने अपने क्लिनिक बंद रखे हैं। ऐसे में बीएमसी ने मुंबई के 20 क्लिनिक चलाने वाले डॉक्टरों को एपिडेमिक डिजीज एक्ट का उल्लंघन करने के आरोप में नोटिस भेजा गया है। बीएमसी ने डॉक्टरों से क्लीनिक बंद रखने का कारण पूछा है। हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश के प्रसिडेंट डॉ. अविनाश भोंडे ने बीएमसी के इस फैसले पर विरोध किया है। उन्होंने कहा कि निजी प्रैक्टिस करने वालों को पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्यूपमेंट (पीपीई) नहीं मिल रहा। इसके कारण उनमें बीमारी बढ़ने की संभावना अधिक है।इससे पहले मुख्यमंत्री उद्धव ने भी निजी डॉक्टरों से क्लीनिक बंद नहीं करने की अपील की थी।
मुंबई में शताब्दी हॉस्पिटल के 26 स्टाफ की रिपोर्ट निगेटिव
जानकारी के अनुसार, 26 मार्च को किडनी की समस्या के कारण एक मरीज शताब्दी हॉस्पिटल आया था। यहां उसे 26-28 मार्च तक भर्ती किया गया था। 31 मार्च को डायलिसिस के लिए उसे एक निजी सेंटर पर भेजा गया था। जहां मरीज में बुखार और अन्य लक्षण दिखने पर उसका कोरोना टेस्ट किया गया। अगले दिन उसमें कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद गुरुवार को 40 स्टाफ को क्वारैंटाइन कर इनकी भी कोरोना जांच करवाई गई। इसमें 26 रिपोर्ट अब तक आई है और सभी अभी तक निगेटिव हैं।