भोपालः मध्य प्रदेश में सरकारी बाबू बनने के लिए अब तक कम्प्यूटर में दक्षता (Computer Skill) को अनिवार्य नहीं किया गया था. लेकिन अपर मुख्य सचिव की समिति द्वारा भेजे गए सुझावों का अगर पालन होता है तो आने वाले समय में कम्प्यूटर स्किल के साथ ही ग्रेजुएशन की डिग्री भी अनिवार्य हो जाएगी.
आईसीपी केशरी की अध्यक्षता वाली समिति ने भेजे सुझाव
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार बाबू भर्ती के 45 साल पुराने नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रही है. इसके लिए अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार को प्रस्तावों की रिपोर्ट सौंप दी है.
इसके अनुसार अब सभी सरकारी कार्यालयों में ई-फाइलिंग सिस्टम लागू होने जा रहा है. जिसमें नॉन पीएससी में लिपिकीय पद पर होने वाली भर्तियों में कम्प्यूटर शिक्षा के साथ ही ग्रेजुएशन की डिग्री को अनिवार्य किए जाने के सुझाव दिए गए हैं.
वेतन में बदलाव को लेकर भी दिए सुझाव
समिति ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लाए गए मानदेय भुगतान में भी बदलाव करने का सुझाव दिया है. इसके चलते अब नॉन पीएससी पदों पर भर्ती के पहले महीने से ही 100 प्रतिशत वेतन मिलेगा. कांग्रेस सरकार ने इन नियमों में बदलाव कर इन्हीं पदों पर पहले साल में 70, दूसरे साल में 80, तीसरे साल में 90 और चौथे साल में 100 प्रतिशत वेतन देने का नियम बनाया था.