पूर्व CM उमा भारती ने कहा - राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता

Posted By: Himmat Jaithwar
1/22/2021

मध्य प्रदेश में शराब की नई दुकानें खाेले जाने के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस सरकार पर हमलावर हुई, तो गृहमंत्री ने कहा दिया कि यह मेरा सिर्फ सुझाव था। इस बीच में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस बात का सार्वजनिक तौर पर विरोध किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा - थोड़े से राजस्व के लालच और माफिया का दबाव शराब बंदी नहीं होने देता।

उमा भारती ने यह बयान सोशल मीडिया पर दिया है। उन्होंने शराबबंदी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा अपील की है। उन्होंने लिखा है - मैं सार्वजनिक अपील करती हूं कि बीजेपी शासित राज्यों में शराबबंदी की तैयारी करिए। उन्होंने बिहार में शराबबंदी को लेकर कहा कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है। बिहार की बीजेपी की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार को दिया।

कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही। इससे स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई, किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा। उन्होंने मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हाल ही में जहरीली शराब से हुई मौतों का हवाला भी दिया है।

उन्होंने आगे कहा, देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। जैसे, मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक का पोषण करते हुए उसकी रक्षा करने की होती है। वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे, तो सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकानें खोलना ऐसे ही है।

उमा भारती ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार माना है, क्योंकि उन्होंने कहा है कि मप्र में शराब की दुकानें बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी निर्णय नहीं लिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा था कि पहला कदम है शराब माफिया को दफन करना है। अभी तो माफिया के खिलाफ अभियान चल रहा है।



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