इंदौर। इंदौर पुलिस की एक महिला सिपाही मकर संक्राति के दौरान धागों को देख सहम जाती है। डर इतना कि हाइनेक पहनने के साथ ही वह घर से निकलने के पहले हाथों में ग्लव्ज और चेहरे को हेलमेट से ढकना भूलती हैं। इसका कारण पिछले साल संक्रांति के दौरान उनके साथ हुआ एक हादसा है। उन्होंने बताया कि कैसे एक धागा उड़ता हुआ आया था और गर्दन सहित उंगलियों में गहरा जख़्म दे गया था। हाथ में 7 टांके आए और जख़्म को भरने में काफी समय लगा।
महिला पुलिस आरक्षक माया डाबी ने पिछले साल मकर संक्रांति को याद करते हुए बताया कि 11 जनवरी 2020 काे मैं घर से ड्यूटी पर एसपी ऑफिस के लिए निकली थी। राजकुमार ब्रिज से नीचे उतर ही रही थी कि एक धागा मेरे हेलमेट से टकराया। कांच लगा होने से मैंने धागे को पकड़कर नीचे किया वह मेरे गर्दन पर आ गया। मुझे उस समझ वह केवल सामान्य धागा लगा, मुझे नहीं पता था कि वह पतंग वाला धागा है।
मेरी गर्दन में आते ही मुझे कटने का एहसास हुआ तो मैंने धागे को कसकर पकड़ लिया। बस यही कोशिश थी कि गाड़ी के साथ ही मैं खुद पर कंट्रोल कर सकूं और गले को ज्यादा जख्मी होने से बचा सकूं। गाड़ी रुकने के बाद देखा कि मेरे गला हल्का कट चुका था और हाथ की पूरी अंगुली पूरी तरह से जख्मी हो चुकी थीं। लगातार खून निकल रहा था। धागा इतना मजबूत था कि मुझसे कट भी नहीं रहा था। बाद में लोगों ने दौड़कर धागा काटकर हटाया।
गर्दन पर मांझा से गर्दन पर पड़ा निशान।
कोराेना काल में 2021 का यह पहला त्योहार है और यह नई उम्मीद के साथ आया है। इसे हमें अच्छे से मनाना चाहिए। हालांकि जैसे ही मेरे सामने पतंग या कोई धागा आता है तो एक डर सा कौंध जाता है। अाप यकीन नहीं करोगे कि उस हादसे के बाद मैंने हाईनेक पहनना शुरू कर दिया। मैं बाहर निकलने के साथ ही अपने गले के साथ ही चेहरे और हाथों को ढंकना नहीं भूलती हूं।
इस त्योहार के आते ही डर सा बना रहता है कि कहीं धागा ना आ जाए। कहीं हाथ या गला ना कट जाए। इस समय मेरा दिमाग गाड़ी चलाने में कम और आसपास देखने में ज्यादा लगा रहता है। शहर में पतंगबाजी से कई घटनाएं हमारे सामने आ चुकी है। चाइना धागा हमें बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। इसे बैन कर देना चाहिए।