भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन लिमिटेड मकर संक्राति पर स्ट्रीट फाॅर पीपुल्स चैलेंज के अंतर्गत स्मार्ट रोड पर काइट फेस्टिवल शुरू हुआ। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण 8 से 10 फीट बड़ी पतंगे रहीं। तेज ठंड और कोहरे के बीच लोग पतंगबाजी का आनंद उठा रहे हैं।
इसके साथ ही तिल और गुड़ का भी आनंद लेकर मकर संक्रांति और पोंगल की शुभकामनाएं दे रहे हैं। वहीं, महिलाओं के लिए निःशुल्क मेहंदी लगवाने की व्यवस्था भी कार्यक्रम स्थल पर की गई।
आयोजन डिपो चौराहा के पास श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट रोड पर चल रहा है। इस दौरान आसमान पर रंग बिरंगी विशाल आकार की पतंगे उड़ीं। पतंगबाजी के अलावा जुम्बा, क्रिकेट, बैडमिंटन, रस्साकसी, साइकिलिंग आदि के इवेंट भी चल रहे हैं।
भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड के सीईओ आदित्य सिंह ने बताया कि कार्यक्रम स्थल पर तिल, गुड़ और गन्ने के स्टाॅल होंगे, जहां प्रतिभागी मकर संक्राति से जुड़े परंपरागत स्वादिष्ट मिष्ठानों का आनंद उठा रहे हैं।
इस मौके पर नुक्कड़ नाटकों के जरिए लोगों को स्वच्छता के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है। स्वच्छता से जुड़े इवेंट्स के प्रतिभागियों को यहां सर्टिफिकेट भी वितरित किए जाएंगे।
मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के लाभ
मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन पतंग उड़ाने (Kite Flying) के धार्मिक कारणों के साथ ही वैज्ञानिक पक्ष भी हैं. जानिए मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2021) के दिन पतंग उड़ाने की वजह और उससे होने वाले फायदों (Kite Flying Benefits) के बारे में.
सूर्य की किरणें करती हैं औषधि का काम
मकर संक्रांति के दिन सूर्य का उत्तरायण होता है। इस दिन सूर्य की किरणें औषधि का काम करती हैं. सर्दियों की वजह से शरीर में कफ और त्वचा में रूखेपन की समस्या आ जाती है। ऐसे में इस दिन पतंग उड़ाने से इन समस्याओं से निजात मिलती है।
विटामिन डी मिलता है
इस दिन सूर्य का उत्तरायण होने की वजह से सूर्य की किरणों में अत्यधिक मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है। इस दिन पतंग उड़ाने से सूर्य की किरणें सीधे व्यक्ति के शरीर पर पड़ती हैं, जिससे कई शारीरिक समस्याओं से बचाव होता है।
पतंग उड़ाने से शरीर में बनते हैं गुड हॉर्मोंस
वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार, पतंग उड़ाने से दिमाग हमेशा एक्टिव रहता है. इसके अलावा, हाथ और गर्दन की मांसपेशियों में लचीलापन बना रहता है। पतंग उड़ाने से शरीर में गुड हॉर्मोंस बनते हैं, जिनकी वजह से मन प्रसन्न रहता है. साथ ही पतंग उड़ाने से आंखों की भी एक्सरसाइज होती है।
भगवान श्रीराम ने की थी पतंग उड़ाने की शुरुआत
पुराणों के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की शुरुआत प्रभु श्रीराम ने की थी। पुराणों के अनुसार, प्रभु श्रीराम की पतंग स्वर्गलोक में भगवान इंद्र के पास जा पहुंची थी। तभी से इस परंपरा को आज तक निभाया जाता है।