भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट मोड पर रहा, भोपाल में 11 बजे वैक्सीन पहुंच गई। इससे पहले बुधवार सुबह-सुबह ही वैक्सीन लाने वाली गाड़ी को तैयार किया गया। वैक्सीन डिवीजन सेंटर पहुंचा दिया गया है। यहां से वैक्सीन वैन के माध्यम से आठ जिलों में पहुंचाई जाएगी।
MP में वैक्सीन के 5 लाख डोज का एक हिस्सा पहली खेप के रूप में बुधवार सुबह भोपाल पहुंचा, लेकिन सुबह 10 बजे तक उसके यहां पहुंचने की कोई जानकारी नहीं आ सकी थी। हालांकि भोपाल डिवीजन सेंटर से 24 घंटे में वैक्सीन जिलों में पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड और भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन तैयारी की है। सीएमएचओ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि वैक्सीन पहुंच गई है।
भोपाल डिवीजन सेंटर में बना कोल्ड स्टोरेज रूम। इसमें ही कोरोना की वैक्सीन रखी गई।
भोपाल का डिवीजन वैक्सीन स्टोर सेंटर।
सुबह कर्मचारी वैक्सीन लाने के पहले गाड़ी को तैयार करते हुए।
भोपाल आने के 4 घंटे पहले सूचना नहीं
कोरोना वैक्सीन पुणे से मुंबई होती हुई फ्लाइट से भोपाल लाई गई। मुंबई में वैक्सीन लोड होने के 4 घंटे पहले स्वास्थ्य विभाग मध्य प्रदेश को इसकी जानकारी दी जाना थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रशासन ने वैक्सीन को एयरपोर्ट से सेंटर तक पहुंचाने की व्यवस्था कर ली थी ताकि इसे किसी बिना परेशानी के जल्द से जल्द सेंटर तक पहुंचाया जा सके। भोपाल में वैक्सीन रखने के लिए 53 कोल्ड चैन पाइंट बनाए गए हैं। वहीं वैक्सीनेशन के लिए 85 जगह पर 130 टीका करण केंद्र बनाए गए हैं। हर सेंटर पर 126 सेशन वैक्सीनेशन के लिए तय किए गए हैं।
सुबह मैदानी अमला तैनात कर दिया गया।
थर्माकोल के बॉक्स में बर्फ के बीच में रखी होगी
वैक्सीन लाने वाली गाड़ी पर बैनर पोस्टर लगाए गए।
जानकारी के अनुसार वैक्सीन पूरी तरह से कोल्ड चैन के माध्यम से डिवीजन सेंटर और फिर जिलों तक भेजी जाएगी। वैक्सीन को 2 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान में रखना है। वैक्सीन को आईएलआर में रखते हैं। इसका तापमान 2 से 8 डिग्री सेल्सियस रहता है। यह सिस्टम मोबाइल फोन से कनेक्ट होता है। इसमें कोई भी खराबी आने पर एक ऑटो जनरेट SMS आ जाता है। इसमें पूरी जानकारी होती है। फौरन वैक्सीन को निकालकर कर कोल्ड बॉक्स के अंदर आइस पैकेट के बीच में रख दिया जाएगा। इसमें यह 72 घंटे तक सुरक्षित रहती है।