ग्वालियर। मुरैना के मानपुर-छैरा गांव में चाय की तरह हर दुकान पर मिलती है शराब। यहां गांव के बाहर बीहड़ में शराब का अवैध कारोबार पुलिस और शराब माफिया के गठजोड़ के बाद पनप रहा है। यही गंदी और जहरीली शराब आसपास के गांव में खपाई जाती है। यह कहना था पोस्टमार्टम हाउस के बाहर खड़े आक्रोशित गांव वासियों का।
उनका कहना था कि यह पूरा खेल गांव के कुछ वर्चस्व वाले लोग और पुलिस की सांठगांठ से ही चलता है। मुरैना में जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत के बाद लोगों का गुस्सा पुलिस व शराब माफिया पर फूट रहा है। स्थानीय लोगों में शराब के अवैध कारोबार को लेकर काफी आक्रोश है। पुलिस ने भी इस मामले में बीते 24 घंटे में 12 शराब तस्कर को पकड़ा है। एसपी मुरैना अनुराग सुजानिया ने कहा है कि लोगों की मौत हुई है। पोस्टमार्टम के बाद ही सही कारण पता चल सकेगा। फिलहाल अवैध शराब वालों की धरपकड़ जारी है।
गांव के बाहर बीहड़ में बनती है अवैध शराब
मुरैना के मानपुर और छैरा गांव के बाहर बीहड़ में शराब का अवैध कारोबार चलता है। गांव के कुछ वर्चस्व वाले लोगों के संरक्षण और पुलिस की सेटिंग से यह सारा खेल चलता है। स्थानीय नागरिक हरवीर सिंह का कहना है कि गांव के बाहर कच्ची और देशी शराब बनाने के बाद यह गांव सहित मुरैना के अन्य देहात इलाकों में पुलिस की सेटिंग पर बेची जाती है। छैरा गांव में तो यह शराब चाय की तरह बिकती है। किसी भी दुकान पर चले जाओ शराब मिल जाएगी।
इस तरह बनाई जाती है शराब
ओपी एक तरह का केमिकल होता है। इसमें लहान, यूरिया मिलाकर कच्ची व देशी शराब बनाई जाती है। अधिक नशीला बनाने के लिए ऑक्सिटोसिन मिलाया जाता है। यदि यह केमिकल का मिलान कुछ भी गड़बड़ हो जाए तो यह शराब पीने वाले के शरीर में जाकर जहर बन जाती है। इसके बाद लोगों की हालत बिगड़ती है और मौत तक की स्थिति बन जाती है।
नूराबाद में पकड़ी थी कच्ची शराब की फैक्ट्री
मुरैना में शराब का अवैध कारोबार किसी से छिपा नहीं है। अभी हाल ही में 12 दिसंबर को नूराबाद में पुलिस ने बीहड़ से कच्ची शराब की फैक्ट्री पकड़ी थी। नदी किनारे भट्टी जल रही थी जिस पर ड्रम चढ़ाकर शराब बनाई जा रही थी। यह शराब की खपत आसपास के इलाके में थी।