भोपाल। बीते डेढ़ साल से 5 फीसदी बकाया महंगाई भत्ता (डीए) का इंतजार कर रहे प्रदेश के 4.47 लाख सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार मई में इसका भुगतान करने की तैयारी कर रही है। साथ ही, पिछले साल जुलाई में रोकी गई वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) का लाभ दिया जाना है। इस लाभ के बगैर 18 हजार कर्मचारी पिछले साल रिटायर हो चुके हैं। इस साल भी 21 हजार कर्मचारी सेवानिवृत्त होना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस बात के संकेत दिए हैं कि जैसे-जैसे प्रदेश की वित्तीय स्थिति सुधरेगी राज्य के कर्मचारियों को बकाया महंगाई भत्ते, वार्षिक वेतन वृद्धि और सातवें वेतनमान की अंतिम किस्त का भुगतान कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का भी कहना है कि इस साल बजट पारित होने के बाद 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष में यह लाभ कर्मचारियों को मिल सकते हैं जिनका भुगतान अप्रैल-मई महीने में होगा। इस पर अनुमानित वार्षिक खर्च 2742 करोड़ रुपए के करीब है।
ऐसे उलझा मामला : प्रदेश में कर्मचारियों को केंद्रीय तिथि (जब से केंद्र ने अपने कर्मचारियों को लाभ दिया है) से महंगाई भत्ते का लाभ दिया जाता रहा है। केंद्रीय कर्मचारियों को 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ 1 जुलाई से मिल रहा है। प्रदेश में तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने फरवरी 2020 में डीए को देने के आदेश जारी किए थे, लेकिन उनकी सरकार गिर गई।
इसके बाद कोरोना संकट की वजह से राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी। इसके बाद डेढ़ साल से कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ा है। जुलाई से होने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि भी रोक दी गई है। यह दोनों लाभ देने पर हर साल 2740 करोड़ करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार आएगा। इसमें हर महीने डीए पर 225 करोड़ रु., जबकि 2742 करोड़ रु. वार्षिक वेतन वृद्धि पर अतिरिक्त खर्च होंगे।
2 प्रतिशत केंद्र ने भी नहीं दिया : कोरोना से चरमराई वित्तीय व्यवस्था की वजह से केंद्र ने भी अपने कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से बकाया 2 फीसदी डीए नहीं दिया है। यह महंगाई वृद्धि आगामी आदेश तक रुकी हुई है। इसका लाभ मिलने के बाद प्रदेश के कर्मचारी 2 फीसदी वेतन वृद्धि से पिछड़ जाएंगे।