कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) विधान सभा चुनाव 2021 से पहले बीजेपी (BJP) राज्य में पूरी ताकत झोंक रही है. अब बीजेपी राज्य के किसानों तक पहुंचने के लिए खास अभियान की शुरुआत करने जा रही है और इस अभियान को शुरू करने खुद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज पश्चिम बंगाल (JP Nadda West Bengal Visit) के बर्धमान में पहुंच रहे हैं.
आज 'एक मुट्ठी चावल' कार्यक्रम की शुरुआत
जेपी नड्डा (JP Nadda West Bengal Visit) आज बीजेपी (BJP) के एक मुट्ठी चावल (Ek Mutthi Chawal) संग्रह अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं. इसके अलावा जेपी नड्डा बर्धमान में किसान सुरक्षा ग्राम सभा को संबोधित करेंगे. जेपी नड्डा कटवा में एक किसान मथुरा मंडल के घर में भोजन भी करेंगे. विधान सभा चुनाव से पहले बीजेपी (BJP) एक मुट्ठी चावल संग्रह अभियान के तहत प्रदेश के 73 लाख किसानों के घर तक पहुंचने की तैयारी मे है.
एक मुट्ठी चावल (Ek Mutthi Chawal) पश्चिम बंगाल (West Bengal) की चुनावी राजनीति में बीजेपी (BJP) का नया प्रयोग है. एक मुट्ठी चावल (Ek Mutthi Chawal) पश्चिम बंगाल के 70 लाख से ज्यादा किसानों तक अपनी पहुंच बनाने का नया जरिया है और इस एक मुट्ठी चावल की कहानी आज उस वक्त शुरू होगी जब 9 दिसंबर के ठीक एक महीने बाद यानी 9 जनवरी को आज बीजेपी (BJP) अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) दोबारा पश्चिम बंगाल में होंगे.
पश्चिम बंगाल में 'धान का कटोरा'
बता दें कि पश्चिम बंगाल (West Bengal) के वर्धमान जिले को दुनिया में 'धान का कटोरा' माना गया है. 2017 में यहां के चावल को GI टैग मिला था. अब बीजेपी (BJP) यहीं से पश्चिम बंगाल की राजनीति का टैग लेने की कोशिश कर रही है और इसलिए बीजेपी अध्यक्ष वर्धमान पहुंच रहे हैं. आज पश्चिम बंगाल में जेपी नड्डा (JP Nadda) के दो बड़े कार्यक्रम हैं. पहला एक मुट्ठी चावल कार्यक्रम और दूसरा वर्धमान में किसान रैली.
बीजेपी का 'एक मुट्ठी चावल' कार्यक्रम क्या है?
बीजेपी जनवरी महीने को किसान सुरक्षा माह के रूप में मना रही है. इसमें बीजेपी के कार्यकर्ता के 23 जिलों के 48 हजार गांवों में जाएंगे, जहां हर किसान परिवार से एक मुट्ठी चावल लिया जाएगा. इसके साथ ही 9 जनवरी से 24 जनवरी तक बीजेपी नेता राज्य के अलग-अलग जिलों में किसान रैली करेंगे. इसमें किसानों को मोदी सरकार के किसान कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी जाएगी.
साथ ही साथ जमा किए गए चावल से भोज का आयोजन होगा. इसमें बीजेपी नेता, कार्यकर्ता और किसान एक साथ बैठकर खाना खाएंगे. इसी कार्यक्रम की शुरुआत बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा करने वाले हैं. जिन किसानों के घर जेपी नड्डा जाएंगे, Zee News वहां एक दिन पहले ही पहुंच गया. हमने किसानों से पूछा कि आपकी क्या मांग है? आज जब जेपी नड्डा आएंगे तो आप उनसे क्या बात करेंगे?
किसानों की राय क्या है?
धान की खेती करने वाले मथुरा मंडल ने कहा कि वो चाहते हैं कि खाद की कीमत कम होनी चाहिए. वहीं अन्य किसानों ने फसल की कीमत बढ़ाने की बात कही. ऐसे ही अलग-अलग किसानों की अलग-अलग मांग है. हांलाकि एक बात को लेकर हर कोई खुश है कि इतना बड़ा नेता उनसे मिलने आ रहा है.
हांलाकि तृणमूल कांग्रेस (TMC) बीजेपी के एक मुट्ठी चावल कार्यक्रम को ज्यादा भाव नहीं दे रही है. उलटे सवाल पूछ रही है कि दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों के बारे में बीजेपी कब सोचेगी? तृणमूल कांग्रेस (TMC) के हमले के बाद भी ये सवाल तो है कि बीजेपी इतने बड़े पैमाने पर किसान कार्यक्रम से क्या हासिल करना चाहती है.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 70 लाख से ज्यादा किसान हैं. बीजेपी पीएम किसान सम्मान निधि योजना के जरिए इन किसानों तक मदद पहुंचना चाहती है. केंद्र सरकार किसानों को हर साल 6 हजार रुपये देती है. एक हफ्ते पहले तक पश्चिम बंगाल में किसान सम्मान निधि योजना लागू नहीं थी.
अब जब ममता बनर्जी ने योजना को लागू करने की इजाजत दे दी है तो बीजेपी की कोशिश है कि वो हर किसान के घर जाकर उन्हें ये बताए कि ये केंद्र सरकार की योजना है. जिससे चुनाव में उन्हें किसानों का वोट मिल पाए. हांलांकि किसान सम्मान निधि योजना के लागू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ममता बनर्जी पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगा चुके हैं.
जान लें कि पश्चिम बंगाल की GDP में खेती का योगदान 21% से ज्यादा है. राज्य में 70 लाख से ज्यादा किसान हैं. अगर एक किसान परिवार में कम से कम 3 वोट भी मान लें तो बीजेपी एक साथ 2 करोड़ से ज्यादा वोटरों को अपने पक्ष में लाना चाहती है. साथ ही साथ एक मुट्ठी चावल कार्यक्रम से बीजेपी जनसंपर्क अभियान को तेज करना चाहती है. इसी मकसद से बीजेपी जेपी नड्डा कल एक मुट्ठी चावल कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं.