कटनी। मध्यप्रदेश के कटनी जिले से 52 मजदूरों को गन्ना कटाई की एक दिन की मजदूरी 400 रुपए देने का कहकर महाराष्ट्र ले जाया गया और वहां बंधक बना लिया। एक सप्ताह की मजदूरी महज 100 रुपए दी गई। मजदूरों के परिजन को कटनी में यह जानकारी मिली तो प्रशासन को अवगत कराया गया। अफसर सक्रिय हुए और महाराष्ट्र के सोलापुर प्रशासन की मदद से इन मजूदरों को परिवार के साथ मुक्त कराया गया। सभी मजदूर अपने परिवार के साथ शुक्रवार रात को अपने-अपने घर पहुंच गए। इस मामले में CM शिवराजसिंह चौहान और सांसद वीडी शर्मा ने प्रशासन की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया है।
दीपावली के बाद ग्राम धनवाही, कारीपाथर, बंधी स्टेशन के 52 मजदूरों को गन्ना कटाई के लिए सोलापुर जिले में ले जाया गया। इन्हें बताया गया था कि 400 रुपए एक दिन की मजदूरी दी जाएगी। मजदूर वहां पहुंच गए और कुछ दिन बाद मजदूरी करने पर रुपए मांगे तो उन्हें एक सप्ताह के 100-100 रुपए दिए गए। इसका विरोध किया तो उन्हें डरा-धमका कर काम करते रहने की चेतावनी दी गई।
मजदूरों को वहां से आने भी नहीं दिया जा रहा था। मजदूरों ने कटनी में रहने वाले अपने परिजन को इसकी जानकारी दी। परिजन जनसुनवाई में पहुंचे और कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को जानकारी दी। कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया। बहोरीबंद एसडीएम रोहित सिसोनिया (IAS) को प्रकरण की जांच करने और त्वरित रुप से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
शिकायत की पुष्टि के बाद किया महाराष्ट्र संपर्क
SDM सिसोनिया ने तत्परता के साथ बंधक बनाए गए मजदूरों जानकारी एकत्र की। साथ ही उन्होंने मजदूरों से व्यक्तिगत रुप से बात की और पूरी जानकारी ली। इससे इस बात की पुष्टि हुई कि मजदूरों को झांसा देकर सोलापुर जिले के कंदल गांव नामक स्थान ले जाया गया है। जहां पर इनसे अत्यधिक काम कम पैसे देकर जोर-जबरदस्ती से कराया जा रहा है।
शिकायत की पुष्टि होने पर कलेक्टर मिश्रा एवं एसडीएम सिसोनिया ने महाराष्ट्र के अधिकारियों से संपर्क किया। इसमें महत्वपूर्ण सहयोग टीकमगढ़ जिले में पदस्थ SDM सौरभ सोनवाने (IAS) ने भी किया। सोनवाने ने महाराष्ट्र के सोलापुर एसपी तेजस्वी सतपोटे से बात की और उन्हें पूरा घटनाक्रम बताया।
मानवीय दृष्टिकोण से काम किया गया
SP तेजस्वी सतपोटे ने विशेष टीम का गठन करते हुए काम पर लगाया। इसके बाद चौबीस घंटे के भीतर ही 6 जनवरी को टीम ने छापामार कार्यवाही करते हुए सभी बंधक बनाए गए 52 श्रमिकों को अपनी सुरक्षा में लिया। साथ ही उन्हें वाहनों के माध्यम से मंदरुप थाने ले जाया गया।
7 जनवरी की सुबह एसपी तेजस्वी सतपोटे ने विशेष वाहन से बंधन मुक्त कराए गए श्रमिकों को सोलापुर से नागपुर के लिए रवाना किया गया। जहां पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के द्वारा की गई वाहन व्यवस्था से उन्हें नागपुर से उनके ग्राम धनवाही, कारीपाथर, बंधी स्टेशन सकुशल लाया गया है।
कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन में SP सोलापुर तेजस्वी सतपोटे, इंस्पेक्टर महाराष्ट्र पुलिस नितिन थेटे और SDM टीकमगढ़ सौरभ सोनवाने का विशेष योगदान रहा है। इनके द्वारा मानवीय दृष्टिकोण से काम किया गया, जिससे सभी श्रमिकों की सकुशल घर वापसी हो पाई है।