अपने आप टूटती हैं हडि्डयां, फिर भी एवरेस्ट सा हौसला; 6 महीने पूरी तरह बेड रेस्ट, बाकी 6 महीने पेंटिंग करती हैं

Posted By: Himmat Jaithwar
1/9/2021

भोपाल। उम्र- 24 वर्ष। बीमारी- ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा (इसमें हडि्डयां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि अपने आप टूटती रहती हैं)। काम- पेंटिंग करना। ये हैं पूजा प्रजापति। राघोगढ़ (गुना) की रहने वाली हैं और 4 साल पहले बड़े आर्टिस्ट बनने का सपना लेकर भोपाल आईं हैं। लेकिन, इनकी बीमारी का जितना बड़ा नाम है, पूजा को इससे होने वाला असहनीय दर्द उससे भी बड़ा है। फिर भी कहते हैं कि जो दर्द जीत ले, वो दुनिया जीत सकता है। पूजा इस दर्द को जीत चुकी हैं। उनके 19 ऑपरेशन हो चुके हैं।

साल के 6 महीने उन्हें बिस्तर पर गुजारने पड़ते हैं, बाकी के छह महीने वो पेंटिंग करती हैं। दीवारों पर, फुटपाथ पर, घरों पर। इससे जो भी पैसे कमाती हैं, वो अगले ऑपरेशन में लगा देती हैं। यदि ऑपरेशन न हो तो पूरा पैसा घर के भरण-पोषण में खर्च कर देती हैं। उनके पिता राजकुमार प्रजापति मूर्तियां बनाते हैं। वे एक निजी कंपनी में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर काम करते हैं और पूजा के इलाज में अपनी जमा पूंजी, मकान, जेवर सब बेच चुके हैं और अभी किराए के मकान में रहते हैं। उन्होंने भास्कर को बताया कि पूजा का शरीर पूरी तरह विकसित नहीं हुआ है। जब वह छोटी थी, तभी उसके पैस मुड़ने लगे थे।

डॉक्टरों ने बताया कि उसे ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा (अस्थि जनन अपूर्णता) नामक बीमारी है। हमने अपने सामने बेटी को दर्द में बिलखते देखा है। लेकिन, उसका हौसला ही हमारी हिम्मत है। पूजा ने इसी दर्द में 24 साल गुजार दिए। उसे पेंटिंग का शौक है, लेकिन कुछेक महीने ही वह पेंटिंग कर पाती है। कई जिला और राष्ट्रीय स्तर की पेंटिंग प्रतियोगिताओं में भाग ले चुकी है। पूजा का कहना है कि मेरा एक ऑपरेशन होना है, जिसमें पौने दो लाख रुपए खर्च आएगा। मेरा सपना देश का सबसे बड़ा आर्टिस्ट बनने का है, फिलहाल मुझे अपने इलाज के पैसे इकट्ठे करना है।

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पूजा के पिता की तनख्वाह ज्यादा नहीं है, जबकि वह पांच बहनों में सबसे बड़ी है। इसलिए घर की आर्थिक जिम्मेदारी उठाना चाहती है। इसलिए पूजा का हौसला देखकर कांट्रेक्टर महेश भार्गव ने उसे पेंटिंग इंटरमीडिएट आर्ट वर्क की पढ़ाई करने के लिए भोपाल भेजा। यहां आने के बाद पूजा कुछ दिन हॉस्टल में रही। इसके बाद वह न्यू सुभाष नगर में किराए के कमरे में रहकर पेंटिंग की कोचिंग चलाने लगी। लेकिन, लॉकडाउन के चलते वह भी बंद हो गई। अब वह वॉल पेंटिंग बना रही है।



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