भोपाल। बर्ड फ्लू को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आला अफसरों की बैठक बुलाई। बैठक में निर्णय लिया गया कि दक्षिण भारत के कुछ राज्यों से सीमित अवधि के लिए मुर्गे आदि का व्यापार प्रतिबंधित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अस्थाई रोक एहतियातन लगाई गई है। प्रदेश के तीन स्थान इंदौर,आगर-मालवा और मंदसौर में कुछ कौवों की मौत के बाद सावधानी के तौर पर ये उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में ऐसी समस्या नहीं है, एहतियातन आवश्यक कदम उठाए गए हैं। बैठक में केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को लेकर भी चर्चा हुई। स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर जिलों में गाइडलाइन का पालन करवाने के निर्देश जारी करेगा। इसके साथ ही पशुपालन विभाग और सहयोगी एजेंसियों को इस मामले में सजग रहने, रैंडम चैट करने और आमजन को आवश्यक जानकारी देने के निर्देश को कहा गया है। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ मोहम्मद सुलेमान सहित कई अफसर मौजूद हैं। बैठक में केंद्र सरकार की गाइडलाइन पर चर्चा हो रही है। बैठक में मंत्री विश्वास सारंग समेत तमाम मौजूद है। स्वास्थ्य विभाग के एक अफसर ने बताया कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद केंद्र सरकार के पशुपालन और डेयरी विभाग ने राज्य के अधिकारियों से दैनिक आधार पर जानकारी लेने के लिए नई दिल्ली में एक कंट्रोल रूम स्थापित किया है। 11 दिन में 376 कौवों की मौत मध्यप्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13 और सीहोर में नौ कौवों की मृत्यु हुई है। मृत कौवों के नमूने तत्काल भोपाल स्थित स्टेट डी.आई. प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं। पशुपालन विभाग के अधिकारियों को खास निर्देश जिलों में तैनात पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। इसके मुताबिक, कौवों की मृत्यु की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन और अन्य विभागों के समन्वय से तत्काल नियंत्रण और शमन की कार्यवाही कर रिपोर्ट भेजें। साथ ही पोल्ट्री और पोल्ट्री उत्पाद बाजार, फार्म, जलाशयों और प्रवासी पक्षियों पर विशेष निगरानी रखते हुए प्रवासी पक्षियों के नमूने एकत्र कर भोपाल लैब को भेजें। अलर्ट को लेकर पशुपालन मंत्री परमार ने कहा... पशु पालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने कहा कि नियंत्रण कार्य में लगे हुए अमले को स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीपीई किट, एंटी वायरल ड्रग, मृत पक्षियों, संक्रमित सामग्री, आहार का डिस्पोजल और डिसइन्फेक्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। पटेल ने कहा कि कौवों में पाया जाने वाला वायरस एच5एन8 अभी तक मुर्गियों में नहीं मिला है। मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस सामान्यत: एच5एन1 होता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था या पशु चिकित्सा अधिकारी को दें।